DIET: नई दिल्ली: स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में अब जिले स्तर पर पहल शुरू की जा रही है। प्रत्येक जिले में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) को स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने का विशेष जिम्मा सौंपा गया है। ये संस्थान न केवल सरकारी और निजी स्कूलों के प्रदर्शन की निगरानी करेंगे, बल्कि आवश्यकता होने पर संबंधित शिक्षकों को पुनः प्रशिक्षण भी देंगे। इसके लिए डायट को उत्कृष्ट केंद्रों के रूप में स्थापित करने की योजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक डायट पर अगले पांच वर्षों में 15-15 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
DIET: शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की सिफारिशों को स्वीकारते हुए देशभर में DIET संस्थानों का नवीनीकरण शुरू कर दिया है। इस योजना के तहत 2028 तक देश के सभी DIET को उन्नत संसाधनों और सुविधाओं से सुसज्जित कर उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है, जिसमें आधुनिक कक्षाएं, पुस्तकालय और डिजिटल मॉनिटरिंग डैशबोर्ड शामिल होंगे। कुल मिलाकर इस योजना पर लगभग नौ हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
DIET संस्थानों में शोध और अनुसंधान के लिए एक विशेष शाखा स्थापित की जाएगी ताकि स्कूली शिक्षा में नवाचार और गुणवत्ता को बढ़ावा दिया जा सके। इसके अलावा राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) डायट के प्रदर्शन का मूल्यांकन करेगी और उनकी रैंकिंग जारी करेगी।
DIET: शिक्षकों का प्रशिक्षण और NEP का क्रियान्वयन
DIET संस्थान जिले में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के क्रियान्वयन पर भी ध्यान देंगे। इसके अंतर्गत स्कूलों में लागू हो रही नई पुस्तकों और पठन-पाठन पद्धतियों के बारे में शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। बालवाटिका से कक्षा छठी तक की नई पाठ्य पुस्तकों के अनुसार शिक्षकों को नई शिक्षा विधियों में दक्ष बनाया जाएगा।