Hot Seat Uchana : हरियाणा में जैसे-जैसे विधानसभा चुनावों की तारीख नजदीक आती जा रही है और प्रत्याशियों की लिस्ट आ रही है, उसे मुकाबला रोमांचक बनता जा रहा है। कांग्रेस की लिस्ट आने के बाद उचाना प्रदेश की हाट सीट बन गई है। यहां पर अब त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। भाजपा से देवेंद्र अत्री, जजपा से पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बाद अब कांग्रेस से पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह मैदान में आ गए हैं। किसी भी राजनेता की राह अब आसान नहीं रहने वाली है। देखें कांग्रेस ने किस आधार पर बृजेंद्र सिंह को टिकट दी है।
बृजेंद्र सिंह प्रत्याशी का प्रोफाइल (Brijender Singh Profile)
विधानसभा क्षेत्र : उचाना
प्रत्याशी : बृजेंद्र सिंह
उम्र : 52
पारिवारिक स्थिति
पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह, मां पूर्व विधायक प्रेमलता, पत्नी जसमित, बेटी कुदरत, बेटा समरवीर सिंह बृजेंद्र सिंह पूर्व आइएएस हैं और 21 साल तक प्रशासनिक सेवाएं दी। अब छह साल से राजनीति में सक्रिय हैं। वर्ष 2019 में भाजपा की टिकट पर हिसार लोकसभा से सांसद बने थे। लगभग छह माह पहले भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे।
व्यवसाय : पूर्व आइएएस व राजनेता
संपत्ति : 10744969 रुपये, वर्ष 2019 के चुनाव आयोग के शपथ पत्र के आधार पर
शिक्षा : एमएसी, सार्वजनिक नीति और प्रबंधन, किंग्स कालेज लंदन
राजनीतिक स्थिति (Political area uchana)
साल 2019 में आइएएस की नौकरी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे और उनको हिसार लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया था और वहां पर जीत दर्ज की थी। वर्ष 2014 में उनके पिता बीरेंद्र सिंह व मां प्रेमलता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा ने चौधरी बीरेंद्र सिंह को राज्यसभा का सदस्य बनाकर केंद्रीय स्टील मंत्रालय दिया था। वहीं वर्ष 2014 में उनकी मां प्रेमलता भाजपा की टिकट पर उचाना विधानसभा से विधायक बनी थी। उनके पिता बीरेंद्र सिंह 50 साल से सक्रिय राजनीति में हैं।
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राजनीतिक विरासत
पिता चौधरी बीरेंद्र सिंह वर्ष 1977 से राजनीति में सक्रिय हैं और उचाना विधानसभा क्षे से पांच बार विधायक व हिसार लोकसभा से एक बार सांसद, राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। जबकि उनकी मां प्रेमलता वर्ष 2014 में उचाना विधानसभा क्षेत्र विधायक चुनी गई थी। वर्ष 2019 में उनकी मां प्रेमलता ने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन जजपा प्रत्याशी दुष्यंत चौटाला के समक्ष हार गई थी। अब अपने माता-पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
टिकट मिलने के तीन कारण
–हलके में खुद की मजबूत टीम हैं और उनके पिता बीरेंद्र का राजनीतिक कद
–उचाना विधानसभा से उनका परिवार वर्ष 1977 से सक्रिय राजनीति में हैं और छह बार उनके परिवार का सदस्य विधायक रह चुके हैं।
–विधानसभा क्षेत्र के गांव व शहर में कार्यकर्ताओं पर मजबूत पकड़ हैं
बृजेंद्र सिंह ने किन दावेदारों को पछाड़ा
उचाना से कांग्रेस की सीट पर विरेंद्र घोघड़ियां, बलराम कटवाल, दिलबाग संडील, स्वामी आदित्यवेश भी दावेदार थे लेकिन बृजेंद्र सिंह का उचाना से राजनीतिक बैकग्राउंट मजबूत होने के कारण उनको लाभ मिला। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि बृजेंद्र सिंह सोनिया गांधी व राहुल गांधी से बात कर दूसरे रास्ते से टिकट लेकर आए हैं। टिकट के दावेदार विरेंद्र घोघड़ियां ने कहा कि मैंने कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया हैं, लेकिन उनके समर्थक लगातार चुनाव मैदान में उतरने का दबाव डाल रहे हैं। वह उचाना विधानसभा की जनता की आवाज पर आगामी फैसला लेंगे।
बृजेंद्र सिंह को टिकट मिलने के बाद तीन बड़ी चुनौतियां
1. पार्टी के स्थानीय नेता विरोध कर रहे हैं।
2. किसान आंदोलन के दौरान भाजपा से सांसद रहे हैं, इसलिए किसानों का विरोध का असर हैं।
3. पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का बड़ा चेहरा व उनका हर गांव में मजबूत पकड़
उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र प्रदेश की हाट सीट (Hot Seat Uchana) में शामिल है। जाट बाहुल्य उचाना विधानसभा सीट का अधिकतर ग्रामीण है। उचाना में अभी तक देवीलाल परिवार की पार्टियों व बीरेंद्र सिंह परिवार के बीच ही मुकाबला रहा है। 2009 में इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने चुनाव लड़ कर बीरेंद्र सिंह को हरा दिया था। इसके बाद यहां से बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता भाजपा के टिकट पर विधायक बनी, लेकिन पिछले चुनाव में जजपा के टिकट पर दुष्यंत चौटाला ने प्रेमलता को हरा दिया।
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इस बार भी जाजपा से पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला (JJP Dushyant Chautala) ने नामांकन कर दिया हैं। वहीं भाजपा ने ब्राह्मण चेहरे के तौर पर देवेंद्र अत्री को चुनावी मैदान में उतार दिया हैं। उचाना में पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व बीरेंद्र सिंह को लेकर बने वातावरण में भाजपा ने गैर जाट चेहरा उतार कर नई रणनीति व चुनौती पेश की है। भाजपा द्वारा बनाए गए समीकरणों असर सीधा चुनाव परिणाम पर दिखेगा।
पिछले चुनाव में दुष्यंत चौटाला ने 92504 मत लेकर भाजपा की प्रेमलता को 47452 मतों से हरा दिया। प्रेमलता को 45052 मत मिले। इस बार बीरेंद्र सिंह परिवार कांग्रेस में है। इस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार बलराम 4972 मिले और वे पांचवें स्थान पर रहे थे। पहले जहां देवीलाल परिवार व बीरेंद्र सिंह के बीच में आमने-सामने की टक्कर रही हैं, लेकिन इस बार भाजपा ने ब्राह्मण चेहरा चुनाव मैदान में (Hot Seat Uchana) उताकर मुकाबले को त्रिकोणा बना दिया हैं।