New Varieties of Crops: ICAR ने लॉन्च की चारा फसलों की 7 नई किस्में! जानें किसानों को क्या-क्या फायदे मिलेंगे

Anita Khatkar
By Anita Khatkar
New Varieties of Crops: ICAR ने लॉन्च की चारा फसलों की 7 नई किस्में! जानें किसानों को क्या-क्या फायदे मिलेंगे
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New Varieties of Crops: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने किसानों के लिए चारा फसलों की 7 नई किस्में लॉन्च की हैं, जो आने वाले सीजन में चारा उत्पादन बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकती हैं। इन नई किस्मों को देश के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। इस पहल से देशभर के किसानों को अपनी जरूरतों के अनुसार सही किस्म चुनने और बेहतर उत्पादन प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

New Varieties of Crops: अधिक उत्पादन और बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता

इन 7 नई किस्मों में से एक है JPM 18-7 (जवाहर पर्ल मिलेट 18-7), जो मोती बाजरा की एक ओपेन पॉलीनेटेड वैरायटी है। इसे राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों के लिए अनुशंसित किया गया है। इसकी उपज क्षमता 440-480 क्विंटल प्रति हेक्टेयर (हरा चारा) है और यह वर्षा आधारित क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है।

दूसरी किस्म, ‘जवाहर बरसीम 08-17 (JB 08-17)’, बरसीम की ओपेन पॉलीनेटेड वैरायटी है, जिसे मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के लिए विकसित किया गया है। इस किस्म की उपज क्षमता 620-650 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जो सर्दियों के मौसम में सिंचित बहु-कटाई के लिए उपयुक्त है।

New Varieties of Crops: हिमालयी राज्यों के लिए खास किस्में

हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के किसानों के लिए हिम पालम चारा ओट-1 (PLP-24) विकसित की गई है। यह ओट की ओपेन पॉलीनेटेड वैरायटी है, जिसकी उपज क्षमता 260-300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इसकी खास बात यह है कि यह ख़स्ता फफूंदी के लिए प्रतिरोधी है, जो इसे बीमारियों से बचाने में मदद करती है।

जवाहर ओट 13-513 (JO-13-513) नामक एक और ओट किस्म पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और ओडिशा के किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इसकी उपज क्षमता 225-250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है और यह पत्ती झुलसा के लिए मध्यम प्रतिरोधी है।

New Varieties of Crops: मक्का चारा की दो नई किस्में

चारा मक्का के किसानों के लिए दो नई किस्में भी जारी की गई हैं। पहली है ‘पूसा चारा मक्का हाइब्रिड-1 (AFH-7)’, जो खासकर उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के तराई क्षेत्रों के लिए बनाई गई है। इसकी हरे चारे की उपज क्षमता 413.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, और यह मेडीस लीफ ब्लाइट के लिए प्रतिरोधी है।

दूसरी किस्म, HQPM 28, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के लिए अनुशंसित की गई है। यह ख़रीफ़ सीजन में उपयुक्त है और इसकी हरे चारे की उपज 427.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

New Varieties of Crops: ज्वार की उन्नत किस्म CSV 57F

CSV 57F (SPV 2801) ज्वार की नई ओपेन पॉलीनेटेड वैरायटी है, जो पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसानों के लिए उपलब्ध कराई गई है। इसकी उपज क्षमता 435 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है और यह प्रमुख पत्ती रोगों के लिए सहनशील है।

New Varieties of Crops: किसानों को क्या लाभ मिलेगा?

ICAR द्वारा विकसित इन नई किस्मों का उद्देश्य चारा उत्पादन में वृद्धि करना और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाना है। ये किस्में अधिक उपज क्षमता, बेहतर गुणवत्ता और रोग प्रतिरोधकता प्रदान करती हैं, जिससे किसानों को कम लागत में अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा।

इन उन्नत किस्मों से न केवल चारा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि देशभर के किसान आधुनिक कृषि पद्धतियों के साथ अधिक प्रतिस्पर्धी और लाभकारी हो सकेंगे।

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