UNSC Permanent Members Power: भारत को यूएन सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता: संभावनाएँ और चुनौतियाँ

Anita Khatkar
By Anita Khatkar
UNSC Permanent Members Power: भारत को यूएन सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता: संभावनाएँ और चुनौतियाँ
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UNSC Permanent Members Power: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिका में हैं, जहाँ वे QUAD शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। इस दौरे के दौरान, भारत को एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के मुद्दे पर चर्चा का केंद्र बनाया गया है। यदि भारत को यह सदस्यता मिलती है, तो इससे उसकी वैश्विक स्थिति और शक्ति में काफी इज़ाफा होगा।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और शांति बनाए रखने का जिम्मा सौंपा गया है। इसकी स्थायी सदस्यता पाने से भारत को न केवल एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाली संस्था में स्थान मिलेगा, बल्कि इससे उसे वीटो का अधिकार भी प्राप्त होगा। वर्तमान में सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन हैं। भारत की सदस्यता का अर्थ होगा कि वह विश्व स्तर पर प्रमुख निर्णयों में सक्रिय भूमिका निभा सकेगा।

UNSC Permanent Members Power: स्थायी सदस्यता के फायदे

विश्वसनीयता और प्रभाव:

स्थायी सदस्यता मिलने के बाद भारत की अंतरराष्ट्रीय राजनीति में आवाज़ और अधिक मजबूत हो जाएगी। भारत अपनी सुरक्षा चिंताओं को वैश्विक मंच पर मजबूती से रख सकेगा।

UNSC Permanent Members Power: वीटो का अधिकार

भारत को VITO POWER का अधिकार मिलने पर वह किसी भी असहमति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा। विशेषकर चीन के निर्णयों का प्रतिकार करने में भारत को सहूलियत होगी।

UNSC Permanent Members Power: सुरक्षा सहयोग

UNSC Permanent Members Power: भारत को यूएन सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता: संभावनाएँ और चुनौतियाँ
UNSC Permanent Members Power: भारत को यूएन सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता: संभावनाएँ और चुनौतियाँ

भारत अपनी सुरक्षा जरूरतों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर तरीके से प्रस्तुत कर सकेगा। इससे आतंकवाद और अन्य सुरक्षा खतरों का सामना करने में सहायता मिलेगी।

UNSC Permanent Members Power: वैश्विक निर्णयों में भागीदारी

भारत को प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में सीधा भागीदारी का अवसर मिलेगा, जैसे कि किसी देश पर प्रतिबंध लगाने या शांति अभियानों में योगदान देने के मामलों में।

INDIA UNSC Permanent Membership Obstacles: सदस्यता की राह में बाधाएँ

हालांकि, भारत को स्थायी सदस्यता मिलने में कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियाँ भी हैं। इनमें से कुछ प्रमुख बाधाएँ निम्नलिखित हैं:

INDIA UNSC Permanent Membership Obstacles: चीन का विरोध

China, जो UNSC का एकमात्र एशियाई स्थायी सदस्य है, भारत की स्थायी सदस्यता का कट्टर विरोधी है। चीन को डर है कि यदि भारत को स्थायी सदस्यता मिलती है, तो वह उसकी क्षेत्रीय शक्ति को चुनौती देगा।

INDIA UNSC Permanent Membership Obstacles: वीटो अधिकार की समस्या

कई बार यह प्रस्ताव उठता है कि नए स्थायी सदस्यों को बिना VITO के शामिल किया जाए, लेकिन इसके लिए सहमति बन पाना मुश्किल है। स्थायी सदस्य अपने अधिकार को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।

INDIA UNSC Permanent Membership Obstacles: संशोधन की आवश्यकता

भारत को स्थायी सदस्यता के लिए UN CHARTER में संशोधन करना होगा, जिसके लिए स्थायी सदस्यों और दो-तिहाई अन्य देशों की सहमति आवश्यक है।

INDIA UNSC Permanent Membership Obstacles: पश्चिमी देशों की चिंताएँ

पश्चिमी देशों को यह डर है कि यदि भारत को स्थायी सदस्यता मिलती है, तो वह हमेशा अमेरिका के हितों के अनुरूप कदम नहीं उठाएगा। इससे भारत के स्थायी सदस्यता की संभावना और भी कम हो जाती है।

भारत की स्थायी सदस्यता की संभावनाएँ और चुनौतियाँ दोनों महत्वपूर्ण हैं। यदि भारत को UNSC की स्थायी सदस्यता मिलती है, तो यह न केवल उसकी अंतरराष्ट्रीय स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक मुद्दों पर प्रभावी भूमिका निभाने की क्षमता भी प्रदान करेगा। हालांकि, चीन के विरोध और अन्य जटिलताओं के कारण यह रास्ता आसान नहीं होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा और उनके द्वारा किए जाने वाले संवादों से यह स्पष्ट होगा कि क्या भारत अपनी स्थायी सदस्यता की राह में सफल हो पाएगा? वैश्विक राजनीति में भारत का स्थान निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है और इसे स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है।

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