Virender Ghogrian manifesto : हॉट सीट उचाना से निर्दलीय प्रत्याशी विरेंद्र घोघड़ियां ने जारी किया घोषणा पत्र, क्या हैं संकल्प पत्र में वायदे, देखें उचाना के विजन की पूरी डिटेल

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By Sonia kundu
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Virender Ghogrian manifesto : हरियाणा की राजनीति का केंद्र बन चुके उचाना विधानसभा (uchana kalan assembly) क्षेत्र में इस बार एक रोमांचक त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है, जिसमें निर्दलीय उम्मीदवार वीरेंद्र घोघड़ियां, बीजेपी के देवेंद्र अत्री और कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह आमने-सामने हैं।

रोड़ रोलर चुनाव निशान से उचाना विधानसभा में निर्दलीय उम्मीदवार वीरेंद्र घोघड़ियां ने अपने संकल्प पत्र के जरिए जनता के सामने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और खेल जैसे प्रमुख मुद्दों पर अपना स्पष्ट दृष्टिकोण रखा है, जिससे चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है।

Virender Ghogrian manifesto : वीरेंद्र घोघड़ियां का संकल्प पत्र: उचाना के लिए विकास का नया वादा

वीरेंद्र घोघड़ियां, जो किसान परिवार से आते हैं और क्षेत्र के आम लोगों से गहरा जुड़ाव रखते हैं ने प्रेस वार्ता के माध्यम से उचाना की जनता के सामने अपने संकल्प पत्र को प्रस्तुत किया। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, खेल और अन्य बुनियादी सुविधाओं में सुधार लाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई।

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Virender Ghogrian manifesto :शिक्षा व्यवस्था में सुधार

वीरेंद्र घोघड़ियां का कहना है कि उचाना के सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार लाना उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने बताया कि स्कूलों में स्टाफ और सुविधाओं की भारी कमी है, जिससे बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा नहीं मिल पा रही है। उन्होंने वादा किया कि अगर वह चुनाव जीतते हैं तो उचाना के स्कूलों को आधुनिक बनाने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।

Virender Ghogrian manifesto : स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार

उचाना में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत पर वीरेंद्र घोघड़ियां ने कहा कि वह उचाना में एक बड़े सरकारी अस्पताल की मांग करेंगे, जिसमें आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ पर्याप्त डॉक्टर और स्टाफ भी हों। उन्होंने कहा कि मौजूदा अस्पतालों में न तो अल्ट्रासाउंड, न सीटी स्कैन, और न ही एमआरआई की सुविधा है, जो बेहद चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि वह इन समस्याओं को हल करने के लिए विधानसभा में आवाज उठाएंगे।

Virender Ghogrian manifesto : रोजगार के लिए ठोस योजना

घोघड़ियां का मानना है कि उचाना के युवाओं को रोजगार के अभाव में गांव छोड़कर डंकी लगाकर पलायन करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, हमारे युवाओं को उचाना में ही रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए मैं ठोस कदम उठाऊंगा। यहां बड़े उद्योग स्थापित करने की जरूरत है ताकि युवाओं को अपने घर के पास ही रोजगार मिल सके। अभी तक उचाना ने बड़े बड़े नेता दिए लेकिन उचाना में रोजगार के लिए कोई बड़ा उद्योग स्थापित नहीं कर पाए ।

Virender Ghogrian manifesto : खेल सुविधाओं का विकास

खेलों के क्षेत्र में भी उचाना पिछड़ा हुआ है और वीरेंद्र घोघड़ियां इसे बदलने का वादा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह एक उच्च स्तरीय खेल स्टेडियम बनवाएंगे, जहां खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए डाइट की सुविधा भी दी जाएगी।

Virender Ghogrian manifesto :परिवहन व्यवस्था में सुधार

उचाना के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था की भी भारी कमी है। किसी किसी रूट पर एक ही बस होने से आने जाने में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिस पर नेताओं ने ध्यान नहीं दिया । वीरेंद्र घोघड़ियां ने कहा कि कॉलेज जाने वाली बेटियों के लिए और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में बसों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए वे सरकार से मांग करेंगे। खासकर उचाना के प्रमुख मार्गों पर बसों की संख्या बढ़ाने का प्रयास करेंगे ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग आसानी से आवागमन कर सकें। गौरतलब है कि उचाना हल्के में कई गावों में आज भी परिवहन की व्यवस्था नहीं है ।

Virender Ghogrian manifesto : किसान आंदोलन और वीरेंद्र घोघड़ियां की भूमिका

वीरेंद्र घोघड़ियां ने किसान आंदोलन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उन्होंने यह भी वादा किया है कि अगर वह विधायक बनते हैं, तो वे किसान आंदोलन के दौरान लगे मुकदमों की पैरवी करेंगे। उन्होंने कहा, किसान आंदोलन के दौरान जेल गए किसानों के लिए मैं विधानसभा में पेंशन का प्रस्ताव रखूंगा। यह बयान किसान वर्ग के बीच उनकी छवि को और मजबूत करता है, जो वर्तमान चुनाव में एक अहम मुद्दा बन चुका है।

स्थानीय मुद्दों पर जनता के बीच मजबूत पकड़

वीरेंद्र घोघड़ियां की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण यह भी है कि वे उचाना के जमीनी मुद्दों को लेकर जनता के बीच हमेशा सक्रिय रहे हैं। चाहे वह सिंचाई के लिए पानी की कमी हो, सड़क निर्माण का मुद्दा हो, या फिर पीने के पानी की समस्या, घोघड़ियां ने इन सभी मुद्दों पर अपनी बात रखी है और वादा किया है कि अगर सरकार इन समस्याओं को हल नहीं करती, तो वे अपने विधायक निधि से इन समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करेंगे।

बीते नेताओं पर कटाक्ष और जनता में बदलाव की उम्मीद

वीरेंद्र घोघड़ियां ने उचाना के पिछले नेताओं पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, उचाना की जनता ने हमेशा बड़े नेताओं को अपना समर्थन दिया है, चाहे वह वित्त मंत्री हो या उप मुख्यमंत्री, लेकिन उचाना का विकास आज भी अधूरा है। उनके इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि वह जनता के बीच बदलाव की उम्मीद जगाने में कामयाब हो रहे हैं।

विपक्षी उम्मीदवारों की चुनौतियां

उचाना विधानसभा में बीजेपी, कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला है। किसान आंदोलन के चलते हल्के में नाराजगी है जिससे अन्य उम्मीदवारों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है । Uchana Assembly में बीते समय में नेताओं द्वारा किए गए वादे अधूरे रहे हैं, जिस कारण जनता का मोहभंग हो चुका है। इस बार वीरेंद्र घोघड़िया को जनता का अधिक समर्थन मिलता दिख रहा है और जनता का विश्वास उनको मिल है।

सर्वहित पार्टी का समर्थन

वीरेंद्र घोघड़ियां को सर्वहित पार्टी का समर्थन भी मिल चुका है, जिसके जिला अध्यक्ष राकेश आर्य ने उनकी तारीफ करते हुए कहा, वीरेंद्र घोघड़ियां का चुनाव बिना शराब बांटे लड़ा जा रहा है, जिससे सारे उम्मीदवारों को प्रेरणा लेनी चाहिए। इससे उनकी छवि एक साफ-सुथरे नेता के रूप में और भी मजबूत हुई है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा है।

त्रिकोणीय मुकाबला और सट्टा बाजार

उचाना विधानसभा का चुनावी मुकाबला इस बार त्रिकोणीय हो चुका है, जिसमें वीरेंद्र घोघड़ियां, बृजेंद्र सिंह और देवेंद्र अत्री के बीच कड़ा संघर्ष है। सट्टा बाजार में भी इस बार उचाना में बराबरी का मुकाबला देखा जा रहा है।

बदलाव की हवा में वीरेंद्र घोघड़ियां की बढ़त

वीरेंद्र घोघड़ियां का चुनाव निशान रोड़ रोलर, जिसे आम भाषा में गिरड़ा भी कहा जाता है, उचाना की जनता के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान अक्सर उन्हें रोड रोलर पर बैठकर जनता के बीच जाते देखा जा रहा है, जिससे उनका जुड़ाव जनता से और भी गहरा हो रहा है।

वीरेंद्र घोघड़ियां की छवि एक जमीनी नेता की है, जो जनता के मुद्दों को समझता है और उनके समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। चाहे वह शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, खेल या किसान आंदोलन का मुद्दा हो, वीरेंद्र घोघड़ियां ने हर विषय पर अपना पक्ष स्पष्ट रखा है और जनता का विश्वास जीतने में सफल हो रहे हैं।

उचाना की जनता इस बार पिछले नेताओं से निराश होकर बदलाव की हवा में अपने नए विधायक के रूप में वीरेंद्र घोघड़ियां को चुनने का मन बना रही है। अब देखना होगा कि 2024 के इस चुनावी मुकाबले में उचाना की जनता किसे अपना साथ और वोट देती है और क्या वीरेंद्र घोघड़ियां उचाना के अगले विधायक बनकर इस पिछड़े क्षेत्र का विकास कर पाते हैं?

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