Jamanat Jabt: इसकी तो जमानत जब्त हो गई! जानें क्या होती है जमानत राशि और कब होती है जमानत जब्त?

Anita Khatkar
By Anita Khatkar
Jamanat Jabt: इसकी तो जमानत जब्त हो गई! जानें क्या होती है जमानत राशि और कब होती है जमानत जब्त?
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Jamanat Jabt: भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में चुनावी प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा जमानत राशि होती है। हर चुनाव में उम्मीदवारों को एक निर्धारित राशि चुनाव आयोग में जमा करनी होती है, जिसे जमानत राशि कहा जाता है। यह Jamanat Rashi न केवल चुनाव में भागीदारी को गंभीरता से लेने के लिए होती है, बल्कि यह चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को भी सुनिश्चित करती है। आइए विस्तार से समझते हैं कि जमानत राशि क्या होती है, कितनी होती है, और कब Jamanat Jabt किया जाता है।

Jamanat Jabt: जमानत राशि क्या होती है?

जमानत राशि वह रकम होती है, जिसे उम्मीदवार चुनाव आयोग को अपनी चुनावी ज़िम्मेदारियों को गंभीरता से निभाने के लिए जमा करते हैं। यदि उम्मीदवार चुनाव में निर्धारित वोट हासिल करने में असफल रहता है तो उसकी जमानत राशि जब्त (Jamanat Jabt) कर ली जाती है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि केवल गंभीर और इच्छुक उम्मीदवार ही चुनावी मैदान में उतरें।

Jamanat Jabt: कितनी होती है जमानत राशि?

जमानत राशि चुनाव के प्रकार के आधार पर भिन्न होती है।

लोकसभा चुनाव: सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए जमानत राशि 25,000 रुपये है, जबकि SC और ST वर्ग के लिए यह 12,500 रुपये है।

विधानसभा चुनाव: सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 10,000 रुपये की जमानत राशि जमा करनी होती है, जबकि SC और ST के लिए यह 5,000 रुपये होती है।

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव: इन चुनावों के लिए सभी वर्गों के उम्मीदवारों के लिए Jamanat Rashi 15,000 रुपये होती है।

इन राशियों का निर्धारण भारतीय चुनाव कानूनों के अंतर्गत किया गया है, जैसे कि रिप्रजेंटेटिव्स ऑफ पीपुल्स एक्ट, 1951 और प्रेसिडेंट एंड वाइस प्रेसिडेंट इलेक्शन एक्ट, 1952।

Jamanat Jabt: जमानत राशि क्यों जब्त होती है?

चुनाव आयोग के अनुसार, यदि कोई उम्मीदवार कुल पड़े हुए वोटों का 1/6 (16.66%) वोट प्राप्त नहीं करता है तो उसकी जमानत राशि जब्त कर ली जाती है। मान लीजिए, किसी सीट पर 1 लाख वोट पड़े हैं और वहां पर किसी उम्मीदवारों को 16,666 से कम वोट मिलते हैं, तो उसकी जमानत राशि जब्त हो जाएगी।

Jamanat Jabt नियम राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों पर भी लागू होता है, जिसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल गंभीर उम्मीदवार ही चुनावी मैदान में उतरें। इसके अलावा, कुछ राजनीतिक दल डमी उम्मीदवार भी खड़े कर देते हैं, जिनका उद्देश्य केवल राजनीतिक प्रभाव डालना होता है। इसलिए Jamanat Jabt का यह नियम उम्मीदवारों को गंभीरता से चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित करता है।

Jamanat Jabt: जमानत राशि कब वापस होती है?

उम्मीदवार की जमानत राशि कुछ परिस्थितियों में वापस की जाती है:

1. वोटों की संख्या: यदि उम्मीदवार को 1/6 से अधिक वोट मिलते हैं, तो उसकी जमानत राशि लौटा दी जाती है। यह प्रावधान उम्मीदवार की मेहनत और उसके द्वारा किए गए प्रयास को मान्यता देता है।

Jamanat Jabt: इसकी तो जमानत जब्त हो गई! जानें क्या होती है जमानत राशि और कब होती है जमानत जब्त?
Jamanat Jabt: इसकी तो जमानत जब्त हो गई! जानें क्या होती है जमानत राशि और कब होती है जमानत जब्त?

2. जीतने वाले उम्मीदवार: चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार को भी उसकी जमानत राशि वापस कर दी जाती है, भले ही उसे 1/6 से कम वोट मिले हों।

3. मौत के मामले में: यदि किसी उम्मीदवार की मृत्यु मतदान से पहले हो जाती है तो उसकी जमानत राशि उसके परिजनों को लौटाई जाती है।

4. नामांकन रद्द करने पर: अगर किसी उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो जाता है या वह अपना नामांकन वापस ले लेता है, तो उसकी जमानत राशि भी वापस की जाती है।

जमानत राशि चुनावी प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो न केवल चुनावों में पारदर्शिता को बढ़ावा देती है, बल्कि यह सुनिश्चित करती है कि केवल गंभीर और इच्छुक उम्मीदवार ही चुनावी मैदान में उतरें। यह प्रणाली भारतीय लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाती है और चुनावों की प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित और प्रभावी बनाती है। जमानत राशि की सही मात्रा और Jamanat Jabt या वापस होने के नियम, भारतीय चुनावों को एक नई दिशा प्रदान करते हैं।

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