Average Daily Dietary Consumption: हाल ही में संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (UN FAO) द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट में वैश्विक स्तर पर औसत दैनिक आहार ऊर्जा उपभोग की जानकारी साझा की गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार, आयरलैंड में प्रति व्यक्ति औसत दैनिक ऊर्जा खपत 3,885 किलोकैलोरी है, जो कि दुनिया में सबसे अधिक है। अमेरिका 3,782 किलोकैलोरी के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि बेल्जियम 3,769 किलोकैलोरी के साथ तीसरे स्थान पर है।
Average Daily Dietary Consumption: उच्च ऊर्जा खपत वाले देश
इस रिपोर्ट में, कई अन्य विकसित देशों की ऊर्जा खपत भी उल्लेखनीय है। तुर्की में प्रति व्यक्ति 3,711 किलोकैलोरी, ऑस्ट्रिया में 3,695 किलोकैलोरी और आइसलैंड में 3,654 किलोकैलोरी की खपत देखी गई है। इसके अलावा, रोमानिया (3,581 किलोकैलोरी), कनाडा (3,566 किलोकैलोरी) और जर्मनी (3,554 किलोकैलोरी) भी उच्च ऊर्जा खपत करने वाले देशों में शामिल हैं।
Average Daily Dietary Consumption: दक्षिण कोरिया और पश्चिमी यूरोप के देश
दक्षिण कोरिया में औसत दैनिक ऊर्जा उपभोग 3,420 किलोकैलोरी है, जबकि माल्टा में भी इसी स्तर की खपत देखी गई है। डेनमार्क में यह आंकड़ा 3,401 किलोकैलोरी, ऑस्ट्रेलिया में 3,391 किलोकैलोरी और यूके में 3,344 किलोकैलोरी है। इन सभी देशों में उच्च जीवन स्तर और आहार विविधता का लाभ मिलता है, जिससे उनकी ऊर्जा खपत अधिक होती है।
Average Daily Dietary Consumption: विकासशील देशों की चिंताजनक स्थिति
इस रिपोर्ट में विकासशील देशों की स्थिति चिंताजनक है। भारत में प्रति व्यक्ति औसत दैनिक ऊर्जा खपत केवल 2,533 किलोकैलोरी है, जबकि पाकिस्तान में यह 2,486 किलोकैलोरी है। इसके अलावा, नाइजीरिया (2,572 किलोकैलोरी) और बांग्लादेश (2,563 किलोकैलोरी) जैसे देशों में भी स्थिति सुधार की आवश्यकता है।
कुछ अन्य देशों में भी ऊर्जा खपत बेहद कम है। जैसे कि इथियोपिया में केवल 1,557 किलोकैलोरी, जबकि मध्य अफ्रीकी गणराज्य में यह आंकड़ा 1,758 किलोकैलोरी है। इन देशों की ऊर्जा खपत स्वास्थ्य और पोषण के मामले में गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है।
Average Daily Dietary Consumption Requirements: औसत न्यूनतम दैनिक ऊर्जा आवश्यकता
FAO के अनुसार, एक व्यक्ति के लिए दैनिक न्यूनतम ऊर्जा आवश्यकता लगभग 1,800 किलोकैलोरी है। इस मानक के संदर्भ में, अधिकांश विकसित देश इस स्तर से काफी ऊपर हैं, जबकि कई विकासशील देश इस आवश्यकता को पूरा करने में असमर्थ हैं। यह स्थिति न केवल आर्थिक विकास का प्रतिबिंब है, बल्कि यह स्वास्थ्य, पोषण और जीवन स्तर के अन्य पहलुओं को भी प्रभावित करती है।
यह रिपोर्ट हमें यह समझने में मदद करती है कि विभिन्न देशों में आहार ऊर्जा की खपत में कितना अंतर है। जबकि कुछ देश अपनी उच्च ऊर्जा खपत के लिए जाने जाते हैं, वहीं अन्य देशों में स्वास्थ्य और पोषण को लेकर गंभीर चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
समय की आवश्यकता है कि विश्व स्तर पर सभी देशों में भोजन की उपलब्धता, गुणवत्ता और पोषण संबंधी जागरूकता को बढ़ावा दिया जाए, ताकि सभी लोगों को आवश्यक ऊर्जा प्राप्त हो सके।