Baby corn production and fertilizers: बेबी कॉर्न की अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए किसानों को अपने खेतों को सही तरीके से तैयार करने और उर्वरकों का संतुलित प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है।अधिक गर्मी में मक्का की दानों के लिए काश्त न करें, क्योंकि इस समय परागण की क्रिया प्रभावित हो सकती है। इससे दाने नहीं बन पाएंगे। मक्का की काश्त केवल बेबी कॉर्न या चारे के लिए ही करें।
Baby corn production and fertilizers: उर्वरक प्रबंधन से कम लागत में ज्यादा पैदावार
मिट्टी परीक्षण के आधार पर उर्वरकों का प्रयोग करने से लागत को कम करके अधिक पैदावार प्राप्त की जा सकती है। खेतों में गली-सड़ी गोबर की खाद 60 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से डालने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, सिफारिश के अनुसार 24 किलोग्राम फॉस्फोरस, 20 किलोग्राम नाइट्रोजन, 24 किलोग्राम पोटाश और 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट का इस्तेमाल बिजाई के समय करना चाहिए।
Baby corn production and fertilizers: पराली से रोकें खरपतवार का प्रकोप
धान की पराली का उपयोग खरपतवार नियंत्रण के लिए किया जा सकता है। पराली खेत में डालने से खरपतवारों का प्रकोप कम होगा। आरंभिक अवस्था में 400-600 ग्राम एट्राजिन को 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने की सलाह दी जाती है। यदि एट्राजिन का इस्तेमाल न हो पाए तो 115 मिलीलीटर टेम्बोट्रीयोन 42 एससी का छिड़काव बिजाई के 20-25 दिन बाद करें।
Baby corn production and fertilizers: कीट नियंत्रण और बीज उपचार
बेबी कॉर्न की फसल को कीटों से बचाने के लिए विशेषज्ञों का सुझाव है कि बीज को 7 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड से उपचारित करें। इसके साथ ही बीमारियों से बचाव के लिए 4 ग्राम थीरम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करना चाहिए।
Baby corn production and fertilizers: उर्वरक प्रबंधन से बेहतर उपज की तकनीक
गुणवत्तापूर्ण पैदावार के लिए उर्वरक संतुलन का ध्यान रखना जरूरी है। इसमें नाइट्रोजन, पोटाश, गंधक और सूक्ष्म तत्व जैसे लोहा और जिंक की उचित मात्रा का प्रयोग आवश्यक है। यदि इनमें से किसी तत्व की कमी होती है, तो पौधे की वृद्धि प्रभावित होती है।
कृषि वैज्ञानिकों ने विभिन्न फसलों के लिए उर्वरक प्रबंधन की सिफारिशें दी हैं, जो किसानों को बेहतर पैदावार दिलाने में सहायक हो सकती हैं। मक्का, कपास और धान जैसी प्रमुख फसलों के लिए भी उर्वरक की सही मात्रा और संतुलित प्रयोग का विशेष ध्यान रखा गया है।

Baby corn production and fertilizers: मक्का की खेती के लिए सही उर्वरक मात्रा
मक्का की संकर किस्मों के लिए 60 किग्रा नाइट्रोजन, 25 किग्रा फॉस्फोरस, 25 किग्रा पोटाश और 10 किग्रा जिंक सल्फेट की सिफारिश की गई है। बिजाई के समय पूरी फॉस्फोरस और पोटाश तथा नाइट्रोजन की एक-तिहाई मात्रा डालनी चाहिए। कपास और धान की फसलों के लिए भी उर्वरक प्रबंधन की सलाह दी गई है, जिसमें फॉस्फोरस और पोटाश का सही संतुलन आवश्यक है।
कृषि वैज्ञानिकों की यह सलाह किसानों के लिए लाभकारी हो सकती है, जिससे वे कम लागत में अधिक और गुणवत्तापूर्ण पैदावार प्राप्त कर सकें।