Highcourt : चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कुरुक्षेत्र जेल के अधीक्षक सोमनाथ जगत की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। सोमनाथ पर जेल में बंद गैंगस्टरों को मोबाइल फोन सप्लाई करने और उनसे रिश्वत लेने के गंभीर आरोप हैं। Highcourt ने स्पष्ट किया कि जेल में चल रहे भ्रष्टाचार के रैकेट और गैंगस्टरों व अधिकारियों की मिलीभगत को उजागर करने के लिए उनकी हिरासत में पूछताछ जरूरी है।
ईमानदार अधिकारियों की सुरक्षा, भ्रष्टाचारियों का संरक्षण नहीं
Highcourt ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) की धारा 17ए का उद्देश्य ईमानदार अधिकारियों की रक्षा करना है, न कि उन सरकारी कर्मचारियों को बचाना जो गैंगस्टरों के साथ सांठगांठ में लिप्त हैं। अधीक्षक सोमनाथ पर आरोप है कि उन्होंने जेल रजिस्टर में एंट्री किए बिना हार्डकोर अपराधियों और गैंगस्टरों को मुलाकात की अनुमति दी।
नकली शराब बनाने की साजिश में मिलीभगत
अधिकारियों की मिलीभगत से गैंगस्टरों ने जेल में ही नकली शराब बनाने की साजिश रची, जिसके परिणामस्वरूप 20 निर्दोष लोगों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से बीमार हो गए। अधीक्षक के खिलाफ 26 अप्रैल 2024 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 और 8, जेल अधिनियम, 1894 की धारा 42 और आईपीसी की धारा 120बी के तहत एफआईआर दर्ज है ।