Bishnoi Samaj: बिश्नोई समाज, जो गुरु जंभेश्वर के 29 नियमों का पालन करता है, अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं के प्रति अत्यधिक समर्पित है। यह समाज न केवल पर्यावरण और जीव-जंतुओं की सुरक्षा के लिए जाना जाता है, बल्कि उसने समय-समय पर इन मूल्यों के लिए बलिदान भी दिए हैं। Bishnoi Samaj का फिल्म अभिनेता सलमान खान के साथ विवाद तब शुरू हुआ जब 1998 में जोधपुर के पास काले हिरण के शिकार का आरोप उन पर लगा। बिश्नोई समाज का आरोप है कि सलमान ने उनके 29 नियमों में से 9 का उल्लंघन किया है, जो जीवों के संरक्षण से जुड़े हैं।
इस लेख में हम बिश्नोई समाज, उनके नियमों, उनके इतिहास और सलमान खान के साथ विवाद पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
गुरु जंभेश्वर: बिश्नोई समाज के संस्थापक
बिश्नोई समाज की शुरुआत 15वीं शताब्दी में गुरु जंभेश्वर द्वारा की गई थी। 28 अगस्त 1451 को राजस्थान के नागौर जिले के पीपासर गांव में जन्मे गुरु जंभेश्वर, जिन्हें धनराज नाम दिया गया था जिन्होंने बाद में एक आध्यात्मिक जीवन की दिशा में कदम बढ़ाया। सात साल की उम्र तक मौन रहने के बाद उन्होंने गूंगा बालक के रूप में ख्याति पाई, लेकिन सातवें वर्ष में बोलने के बाद उनका जीवन धर्म और अध्यात्म की ओर अग्रसर हुआ।
16 वर्ष की आयु में, गुरु जंभेश्वर ने गुरु गोरखनाथ से ज्ञान प्राप्त किया और जीवन को एक नई दिशा में ले गए। माता-पिता के निधन के बाद, उन्होंने घर और संपत्ति का त्याग कर बीकानेर की ओर प्रस्थान किया, जहां उन्होंने मुकाम गांव में अपना ठिकाना बनाया। अकाल की स्थिति में लोगों की मदद करने के साथ-साथ उन्होंने धार्मिक पाखंडों और कर्मकांडों का विरोध किया और लोगों को सच्चे धर्म का मार्ग दिखाया।
1485 में बिश्नोई पंथ की स्थापना
गुरु जंभेश्वर के विचारों और उपदेशों से प्रभावित होकर कई लोग उनके अनुयायी बनने लगे। 1485 में, उन्होंने 34 साल की उम्र में मुकाम गांव के समराथल धोरा नामक स्थान पर एक विशाल हवन किया और बिश्नोई पंथ की स्थापना की। बिश्नोई नाम 29 नियमों से उत्पन्न हुआ है, जिसमें बिस का मतलब 20 और नोई का अर्थ 9 है। इस पंथ का प्रमुख उद्देश्य समाज, पर्यावरण और जीव-जंतुओं की सुरक्षा और भलाई के लिए काम करना था।
गुरु जंभेश्वर ने बिश्नोई पंथ में शामिल होने वाले अनुयायियों के लिए 29 नियम बनाए, जिन्हें आज भी इस समाज के लोग पूरी निष्ठा से पालन करते हैं। इन नियमों में से 10 नियम खुद की सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े हैं, 9 नियम जानवरों की रक्षा के लिए हैं, 7 नियम समाज की भलाई के लिए और 4 नियम आध्यात्मिक उत्थान से संबंधित हैं।
बिश्नोई समाज और उनका पर्यावरण प्रेम
Bishnoi Samaj को जीव-जंतुओं, विशेषकर काले हिरणों के प्रति उनके प्रेम के लिए जाना जाता है। इस समाज की महिलाएं यहां तक कि हिरणों के बच्चों को अपने स्तन से दूध पिलाती हैं। इस समाज ने सदियों से अपने सिद्धांतों के लिए कई बलिदान दिए हैं। उदाहरण के लिए, 1730 में करमा और गौरा नाम की बहनों ने पेड़ों की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। इसी तरह, 1963 में भीयाराम ने भी बिश्नोई नियमों के पालन के लिए अपनी जान दी।
इतिहास में कई उदाहरण मिलते हैं जब बिश्नोई समाज ने जीव-जंतुओं और पेड़ों की सुरक्षा के लिए संघर्ष किया। ब्रिटिश काल में, हरियाणा के शीशवाल गांव में बिश्नोई समाज के किसान तरोजी राहड़ ने काले हिरण के शिकार के विरोध में भूख हड़ताल की, जिसके परिणामस्वरूप अंग्रेजी अधिकारियों को शिकार पर रोक लगानी पड़ी।
Bishnoi Samaj Vs Salman Khan: सलमान खान और बिश्नोई समाज के बीच विवाद
बिश्नोई समाज और फिल्म अभिनेता सलमान खान के बीच विवाद 1998 में शुरू हुआ, जब सलमान और उनकी टीम फिल्म हम साथ-साथ हैं की शूटिंग के लिए जोधपुर पहुंचे थे। शूटिंग के दौरान, उन पर भवाद गांव के पास काले हिरण का शिकार करने का आरोप लगा। बिश्नोई समाज ने तुरंत इस पर प्रतिक्रिया दी और सलमान खान के खिलाफ FIR दर्ज कराई। इस मामले में सलमान खान को जेल भी जाना पड़ा, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई।
बिश्नोई समाज का मानना है कि सलमान खान ने उनके 29 नियमों में से 9 का उल्लंघन किया है, जो जीवों पर दया और संरक्षण से संबंधित हैं। उनका यह भी कहना है कि यदि सलमान खान गुरु जंभेश्वर के धाम पर आकर माफी मांगते हैं तो वे उन्हें माफ करने के लिए तैयार हैं।
Bishnoi Samaj Ke 29 Niyam: बिश्नोई समाज के 29 नियम
बिश्नोई समाज का धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन इन 29 नियमों पर आधारित है, जिन्हें गुरु जंभेश्वर ने निर्धारित किया था। ये नियम निम्नलिखित हैं:
1. तीस दिन सूतक रखना
2. पांच दिन ऋतुवन्ती स्त्री का गृहकार्य से पृथक रहना
3. प्रतिदिन सवेरे स्नान करना
4. शील का पालन करना व संतोष रखना
5. बाह्य और आन्तरिक पवित्रता रखना
6. द्विकाल संध्या-उपासना करना
7. संध्या समय आरती और हरिगुण गाना
8. निष्ठा और प्रेमपूर्वक हवन करना
9. पानी, ईंधन और दूध को छान कर प्रयोग में लेना
10. वाणी विचार कर बोलना
11. क्षमा-दया धारण करना
12. चोरी नहीं करनी
13. निन्दा नहीं करनी
14. झूठ नहीं बोलना
15. वाद-विवाद का त्याग करना
16. अमावस्या का व्रत रखना
17. विष्णु का भजन करना
18. जीव दया पालना
19. हरा वृक्ष नहीं काटना
20. काम, क्रोध आदि अजरों को वश में करना
21. रसोई अपने हाथ से बनानी
22. थाट अमर रखना
23. बैल बधिया नहीं कराना
24. अमल (मादक पदार्थ) नहीं खाना
25. तम्बाकू का सेवन नहीं करना
26. भांग नहीं पीना
27. मद्यपान नहीं करना
28. मांस नहीं खाना
29. नीला वस्त्र व नील का त्याग करना।
बिश्नोई समाज न केवल एक धार्मिक पंथ है, बल्कि Bishnoi Samaj पर्यावरण और जीव-जंतुओं के संरक्षण का प्रतीक है। सलमान खान के साथ उनके विवाद ने इस समाज की मान्यताओं और सिद्धांतों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया। बिश्नोई समाज के नियम आज भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने गुरु जंभेश्वर के समय थे। Bishnoi Samaj के लोग पर्यावरण और जीवों की रक्षा के लिए अपनी जान तक देने को तैयार रहते हैं।