Health tips : मां का दूध नवजात व बच्चों के लिए संपूर्ण आहार माना जाता है । डॉक्टर द्वारा भी बच्चे को कम से कम 6 महीने तक मां का दूध पिलाने ((breastfeeding) की सलाह दी जाती है। मां को 2 साल तक बच्चे को स्तनपान करवाना चाहिए । लेकिन कई बार बच्चा मां का दूध पी ही नहीं पाता। अब ये नई मांओं के लिए कई बार समस्या खड़ी कर देता है।
इसमें सबसे जरूरी होता है की मां का बच्चों के साथ कैसा लगाव है। मां ने अपने बच्चों को स्तन से कैसे अटैच करवाया है, अगर मां झुक कर बैठी है तो नवजात या शिशु के मुंह में सिर्फ निप्पल जाएगा निप्पल में दूध नहीं होता । बच्चा निप्पल को तेजी से चूसेगा और मां की स्किन फट जाएगी और बच्चे को दूध नहीं मिलेगा । दूध एल्वियोली में होता है।
अगर बच्चे को बोतल से दूध पिला रहे हैं तो इससे बच्चे के मुंह से दूध टपकेगा जबकि मां का दूध पीते समय बच्चे को उसे चूसना पड़ता है। उसे बोतल फ्री करवाने के लिए कुछ लिक्विड या शहद दे रहे होते हैं तो बच्चा मां से अटैच नहीं होगा। बिना लगाव के बच्चा दूध कम पिएगा या उसे परेशानी आएगी ।

कम दूध निकलना (breastfeeding) भी बन जाता है भ्रम
इसके अलावा शुरू में गाढ़ा पीला दूध निकलता है जिसकी मात्रा काफी कम होती है और लोगों को भ्रम हो जाता है दूध कम निकल रहा जबकि वास्तव में ऐसा नहीं होता । इस थोड़ी मात्रा से ही बच्चे की जरूरत पूरी हो जाती है।
क्या सलाह देते हैं डॉक्टर जिससे बच्चा सही से दूध पी पाए
सबसे पहले तो मां के साथ लगाव के लिए बच्चे को बार बार स्तनपान करवाना चाहिए । हर 24 घंटे में 10 से 12 बार स्तनपान करवाना चाहिए । मां को रात में हो सके तो कम से कम 2 बार स्तनपान (Breastfeeding) करवाना चाहिए । जब बच्चा खुद से दूध ना पी पाए और बच्चे को दूध पिलाने के लिए इन बातों को रखें ध्यान।
कोई ऐसी परिस्थितियों होती है जिसमें बच्चा खुद से स्तनपान नहीं कर पाता जैसे अगर बच्चा समय से पहले हो जाए या बच्चा का वजन बहुत कम हो जाए या बच्चा बहुत समय तक बीमार रहा या नर्सरी में रहा हो तो ऐसे में बच्चा कई बार खुद से चूस नहीं पाता लेकिन फिर भी हमें बच्चों को मां का दूध ही देना चाहिए।
बच्चे मां का दूध (breastfeeding) क्यों नहीं पी पाते
मां को झुककर स्तनपान नहीं करवाना चाहिए । मां पीछे सहारा लेकर स्तनपान करवा सकती हैं। स्तनपान करवाते समय बच्चे को हमेशा सीधा,सामने,समीप रखें तथा बच्चे को सहारा दें। इस सामान्य तरीके से बच्चे का मां के लगाव बढ़ेगा और उसे स्तनपान करने में कोई दिक्कत भी नहीं आएगी ।
ये है सही पहचान जिससे पता चलता है बच्चा सही से दूध पी रहा है
अगर बच्चे की ठोड़ी मां के ब्रेस्ट को छू रही है तो मां और बच्चे की अटैचमेंट सही है । ऐसे में बच्चा सही से दूध पिएगा। जब मां बहुत बीमार हो या मां उपलब्ध ना हो तब कैसे पिलाएं बच्चे को दूध । जब मां गंभीर रूप से बीमार हो या किसी अन्य कारण से मां उपलब्ध नहीं हो तब बच्चे को फार्मूला मिल गया डेयरी मिल्क देना चाहिए और वह भी हमें बोतल की बजाय कटोरी चम्मच से देना चाहिए जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े।
कब करें चिंता
अगर बच्चा पहले से स्तनपान कर रहा है और उसने एकदम से मां से लगाव हटा लिया हो और उसने स्तनपान छोड़ दिया है और वह शथिल हो गया है तो ऐसी स्थिति में चिंता करनी चाहिए। यह एक गंभीर संक्रमण का लक्षण हो सकता है ।ऐसी स्थिति मे बच्चे को किसी शिशु रोग डॉक्टर से दिखाना चाहिए ।
नोट : अगर ये टिप्स काम ना करें तो बच्चे को डॉक्टर से जल्द से जल्द दिखाएं क्या पता समस्या कुछ और ही हो।