College Admission Latest Update: अब 12वीं के बाद Arts वाले छात्र साइंस, कॉमर्स से कर पाएंगे ग्रेजुएशन, साल में 2 बाद एडमिशन की मिलेगी नई सुविधा

Sonia kundu
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College Admission Latest Update: नई दिल्ली: अब 12वीं पास विद्यार्थी अपनी रुचि के अनुसार आर्ट, साइंस या कॉमर्स में किसी भी विषय से ग्रेजुएशन कर सकते हैं, चाहे उन्होंने 12वीं में संबंधित विषय पढ़ा हो या नहीं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत UGC रेगुलेशन 2024 के मसौदे को लागू करने की घोषणा की है। इसका उद्देश्य उच्च शिक्षा को लचीला और बहुविषयक बनाना है।

 

विद्यार्थी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) या विश्वविद्यालय की अपनी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ग्रेजुएशन और मास्टर डिग्री के कोर्स में दाखिला ले सकेंगे। अब आर्ट्स या कॉमर्स से 12वीं पास छात्र भी विज्ञान विषयों से ग्रेजुएशन कर सकेंगे। इसी प्रकार, विज्ञान से ग्रेजुएशन (B. SC) करने वाले छात्र M.Tech/ ME जैसे टेक्निकल कोर्सों में एडमिशन के योग्य होंगे।

साल में 2 बार दाखिले की सुविधा

UGC के नए नियमों के तहत छात्रों को साल में 2 बार प्रवेश का मौका मिलेगा। पहला सत्र जुलाई-अगस्त तो दूसरा सत्र जनवरी-फरवरी में शुरू हुआ करेगा। विद्यार्थी अपनी पढ़ाई किसी भी समय शुरू कर सकेंगे, ब्रेक ले सकेंगे या दोबारा शुरू कर पाएंगे। विद्यार्थियों को पढ़ाई के दौरान सब्जेक्ट, कॉलेज या अध्ययन का तरीका बदलने की सुविधा मिलेगी। ग्रेजुएशन कोर्सों में बहुविषयक कोर्स का ऑप्शन होगा। विद्यार्थी अपने टैलेंट और इंटरेस्ट के अनुसार विषय चुन सकेंगे।

 

College Admission Latest Update: Now after 12th, Arts students will be able to do graduation from Science, Commerce
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M.Tech/ M.E के लिए B.SC ऑनर्स की पात्रता

4 वर्षीय B.SC ऑनर्स (फिजिक्स, बायोलॉजी, मैथ्स आदि) करने वाले विद्यार्थी अब M.Tech/एमई में भी एडमिशन ले सकेंगे। पहले यह सुविधा केवल B.Tech और B.E. छात्रों के लिए थी।

आसानी से मिलेंगे पढ़ाई के नए अवसर

UGC चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार ने कहा कि यह बदलाव विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं। अब 12वीं में किसी खास विषय का होना ग्रेजुएशन लेवल पर बाधा नहीं बनेगा। विद्यार्थियों को अपने इंटरेस्ट के अनुसार पढ़ाई का विकल्प मिलेगा। शिक्षा के बहुविषयक स्वरूप को बढ़ावा देने के लिए यह पहल की गई है।इन प्रस्तावित बदलावों को लागू करने से पहले जनता की राय ली जाएगी। इसके बाद इन्हें सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य किया जाएगा।

शिक्षा के क्षेत्र में यह बदलाव आसानी से उच्च शिक्षा हासिल करने के क्षेत्र में क्रांतिकारी साबित हो सकते हैं, जिससे विद्यार्थियों को अधिक ऑप्शंस और आसानी मिलेगा।

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