Delhi Hospital Safety: दिल्ली सरकार के अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की सुरक्षा अब पूर्व सैनिकों के हाथों में होगी। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में सभी मेडिकल डायरेक्टर्स (MD) और मेडिकल सुपरिटेंडेंट्स (MS) को निर्देश जारी किए हैं। इस पहल के तहत अस्पतालों में निजी सुरक्षाकर्मियों के बजाय पूर्व सैनिकों की सेवाएं ली जाएंगी, जिससे डॉक्टरों की सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।
स्वास्थ्य विभाग ने GTB, जग प्रवेश चंद्र और इंदिरा गांधी अस्पताल समेत अन्य संस्थानों को यह निर्देश दिया है कि सुरक्षा के लिए पूर्व सैनिकों को प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के माध्यम से सुरक्षा प्रदान करने का एक और प्रस्ताव भी विचाराधीन है।
Delhi Hospital Safety: पूर्व सैनिकों की मांग का प्रस्ताव भेजा
दिल्ली सचिवालय को 25 पूर्व सैनिकों की मांग का प्रस्ताव पहले ही भेजा जा चुका है। सूत्रों के अनुसार, CISF को सुरक्षा का जिम्मा सौंपने में हो रही देरी के कारण फिलहाल डॉक्टरों की सुरक्षा पूर्व सैनिकों को सौंपी जा रही है। रेजिडेंट डॉक्टरों ने मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था पर असंतोष जताया था, जहां सुरक्षा गार्डों को भीड़ नियंत्रण में अक्षम और शारीरिक रूप से कमजोर बताया गया था।
Delhi Hospital Safety: CISF के जरिए सुरक्षा पर विचार
स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी को हायर करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इस संबंध में सभी तकनीकी पहलुओं की समीक्षा की जा रही है, साथ ही बजट अनुमानों को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए CISF की तैनाती का प्रस्ताव भी समीक्षाधीन है।
जीटीबी अस्पताल के सुरक्षा प्रभारी डॉ. लक्ष्य बेरीवाल के अनुसार अस्पताल के सभी विभागाध्यक्षों से सुरक्षाकर्मियों की जरूरतों का ब्योरा मांगा गया है, जिसमें से कुछ ब्योरे प्राप्त हो चुके हैं और कुछ अभी बाकी हैं। अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तत्परता से कदम उठा रहा है।
इस नई व्यवस्था के तहत Delhi Hospital Safety के प्रति पेशेवर दृष्टिकोण और ताकतवर ढांचा तैयार करने की कोशिश की जा रही है, जिससे स्वास्थ्य पेशेवरों के कामकाज को सुरक्षित और तनावमुक्त बनाया जा सके।