Donald Trump Tarrif War: वॉशिंगटन: अगले साल जनवरी में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले, डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से कनाडा, मैक्सिको और चीन के खिलाफ भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसने इन देशों के व्यापारिक हितों को खतरे में डाल दिया है। ट्रंप के इस कदम से तीनों देशों को गंभीर आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
1. चीन पर टैरिफ: रॉयटर्स के एक पोल के अनुसार, ट्रंप अगले साल चीन से आने वाले सामानों पर लगभग 40% टैरिफ लगा सकते हैं। हालांकि, ट्रंप ने चीन पर 60% तक टैरिफ लगाने से परहेज किया है। चीन ने Donald Trump Tarrif War का मुकाबला करने के लिए अपनी कंपनियों को भारी फंड प्रदान करने का निर्णय लिया है। ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि चीन ओपिओइड फेंटेनाइल की तस्करी पर ठोस कदम नहीं उठाता, तो चीनी उत्पादों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगेगा। इससे चीन की आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो सकती है और 2025 में इसकी वृद्धि दर लगभग 4.2% रह सकती है।
2. कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ: ट्रंप ने मैक्सिको और कनाडा को भी टारगेट किया है और कहा है कि अगर अवैध अप्रवासन (illigal immigrants) जैसी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो इन देशों से आयातित उत्पादों पर 25% टैरिफ लागू रहेगा। इससे कनाडा और मैक्सिको की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ सकता है। कनाडा को 10% टैरिफ से 21 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है जिसे देखकर जस्टिन ट्रुडो के अभी से हाथ-पांव फूल गए हैं। इसके अलावा, मैक्सिको की ऑटो इंडस्ट्री और अन्य उद्योग भी प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि ये देश अमेरिका को प्रमुख निर्यातक हैं।
3. भारत पर संभावित असर: हालांकि ट्रंप ने अभी तक भारत पर टैरिफ लगाने का संकेत नहीं दिया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भारत पर भी टैरिफ लगाए जा सकते हैं, क्योंकि ट्रंप ने भारत को बहुत बड़ा व्यापार दुर्व्यवहारकर्ता कहा था। यदि ऐसा हुआ तो भारत के निर्यात पर गंभीर असर पड़ेगा। वहीं, भारत को चीनी उत्पादों पर लगे टैरिफ का सीमित लाभ हो सकता है, क्योंकि भारत अधिकतर इन उत्पादों का आयात करता है।
चीन, कनाडा और मैक्सिको पर अन्य प्रभाव
टैरिफ युद्ध का तत्काल प्रभाव यह होगा कि अमेरिका के साथ व्यापार करने वाले देशों को अपने उत्पादों की कीमत बढ़ानी पड़ेगी, जिससे अमेरिकी ग्राहकों पर बोझ पड़ेगा। मैक्सिको की ऑटो इंडस्ट्री और एशियाई टेक कंपनियां, जैसे फॉक्सकॉन और एनवीडिया भी प्रभावित हो सकती हैं। कनाडा का मुख्य निर्यात पेट्रोलियम, गैस और वाहन हैं, जो अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित हो सकते हैं।
अमेरिका और यूरोपीय संघ की रणनीतियां
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने China पर निर्भरता कम करने के लिए रणनीतियां बनाई हैं। इस स्थिति में, भारत को भी चीन से आयात पर ध्यान देने और अपनी नीति पर विचार करने की आवश्यकता हो सकती है, खासकर जब अमेरिकी बाजार में चीनी सामानों के आयात में कमी और भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ सकती है।
ट्रंप के प्रस्तावित टैरिफ (Donald Trump Tarrif War) न केवल चीन, कनाडा और मैक्सिको, बल्कि भारत समेत अन्य व्यापारिक साझेदारों के लिए भी एक चुनौती बन सकते हैं। इन देशों के लिए यह आवश्यक होगा कि वे अमेरिकी नीतियों के संभावित प्रभावों के लिए पहले से तैयार रहें और अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर विचार करें।