Mata Vaishno Devi : जम्मू: श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) ने तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा को सुविधाजनक और त्वरित बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब माता वैष्णो देवी तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 13 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ने की कठिनाई नहीं झेलनी पड़ेगी, क्योंकि बोर्ड ने लंबे समय से प्रतीक्षित रोपवे परियोजना को लागू करने का निर्णय लिया है।
रोपवे परियोजना का उद्देश्य
सीईओ अंशुल गर्ग ने बताया कि यह रोपवे परियोजना (ropeway mata vaishno devi) तीर्थयात्रियों के लिए एक परिवर्तनकारी कदम होगा। खासकर उन श्रद्धालुओं के लिए, जिन्हें शारीरिक समस्याओं या हैलीकॉप्टर सेवा की सीमित क्षमता के कारण यात्रा में कठिनाई होती है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल 95 लाख तीर्थयात्रियों ने माता वैष्णो देवी की यात्रा की, जो एक नया रिकॉर्ड है।
बेहतर सुविधाओं के लिए कदम
रोपवे से विशेष रूप से बुजुर्ग तीर्थयात्री और शारीरिक रूप से कमज़ोर श्रद्धालुओं को लाभ होगा, क्योंकि यह उनके लिए यात्रा को आसान बनाएगा। इसके साथ ही, परियोजना के कार्यान्वयन के दौरान स्थानीय हितधारकों की चिंताओं का भी ध्यान रखा जाएगा।
पर्यावरणीय प्रभाव और मनोहर दृश्य
यह रोपवे ताराकोट मार्ग को मुख्य तीर्थ क्षेत्र से जोड़ेगा और श्रद्धालुओं को त्रिकुटा पहाड़ियों के शानदार दृश्य का आनंद मिलेगा। इस योजना को इस तरह से तैयार किया गया है कि पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जा सके, जिससे यात्रा के अनुभव में और वृद्धि होगी।
जल्दी शुरू होगा काम
अधिकारियों ने कहा कि इस परियोजना पर अंतिम निर्णय लेने के बाद जल्द ही जमीनी काम शुरू होगा। रोपवे के बन जाने से प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं के आवागमन की उम्मीद है, जिससे पारंपरिक पैदल रास्ते पर भीड़भाड़ कम हो जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि इस नई सुविधा के बाद तीर्थयात्रा अब कुछ ही मिनटों में पूरी हो सकेगी।