Toll Tax: फरीदाबाद: केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने टोल टैक्स को लेकर एक अहम निर्णय लिया है। नई अधिसूचना के तहत, अब जिन निजी वाहनों में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) लगा होगा, उन्हें 20 किलोमीटर तक यात्रा करने पर Toll Tax से छूट मिलेगी। यह व्यवस्था वाहन चालकों को राहत देने के उद्देश्य से लागू की गई है। इस नई नीति का लाभ उन्हीं वाहनों को मिलेगा जिनमें GNSS सिस्टम कार्यरत होगा और चालक 20 किलोमीटर तक की यात्रा करेंगे।
GNSS सिस्टम और इसका महत्व
ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) एक उन्नत तकनीक है, जो वाहन की स्थिति और यात्रा मार्ग का सटीक पता लगाने में मदद करती है। यह सिस्टम GPS की तरह काम करता है, जिससे वाहन की यात्रा को ट्रैक किया जा सकता है। मंत्रालय ने इस सिस्टम को FastAg के साथ जोड़कर टोल कलेक्शन के लिए लागू किया है, जिससे टोल शुल्क की सही गणना हो सके।
हरियाणा और कर्नाटक में पायलट प्रोजेक्ट
इस व्यवस्था को पहले हरियाणा और कर्नाटक में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया है। इन क्षेत्रों में GNSS आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम का परीक्षण किया जा रहा है। यदि यह प्रणाली सफल रहती है, तो इसे पूरे देश में लागू करने का निर्णय लिया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का उद्देश्य टोल कलेक्शन को पारदर्शी, तेज और सुविधाजनक बनाना है। नई व्यवस्था से लंबी कतारों और धोखाधड़ी की संभावना कम होगी और वाहन चालकों को वास्तविक यात्रा दूरी के आधार पर टोल भुगतान करना होगा। इससे टोल वसूली में पारदर्शिता आएगी और सरकार को बेहतर सड़क नेटवर्क का प्रबंधन करने में मदद मिलेगी।
इन्हें होगा सबसे ज्यादा लाभ
नई व्यवस्था से उन लोगों को सबसे ज्यादा लाभ होगा जो छोटी दूरी की यात्रा करते हैं। अगर कोई वाहन चालक 20 किलोमीटर तक यात्रा करता है, तो उसे Toll tax से राहत मिलेगी, जिससे यात्रा की लागत में कमी आएगी। इसके अलावा, इस तकनीक से सड़क परिवहन की प्रणाली को स्मार्ट और अधिक कुशल बनाने में मदद मिलेगी।

यदि हरियाणा और कर्नाटका में GNSS आधारित टोल सिस्टम सफल साबित होता है, तो सरकार इसे देशभर में लागू करने का विचार करेगी।