Google map mistake : गूगल मैप की गलती से गई 3 लोगों की जान, अधूरे पुल से नीचे गिरी गाड़ी, लोकेशन के भरोसे चला रहे थे गाड़ी

Anita Khatkar
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Google map mistake : उत्तर प्रदेश के बरेली और बदायूं जिले की सीमा पर एक भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई। यह हादसा उस समय हुआ जब सिक्योरिटी कंपनी के 3 कर्मचारी गूगल मैप्स के जरिए रास्ता देखते हुए एक अधूरे पुल से टकराकर नीचे गिर गए। घटना बरेली के फरीदपुर और बदायूं के समरेर के बीच स्थित रामगंगा नदी के अधूरे पुल पर घटी, जिसने तीनों कर्मचारियों की जान ले ली। यह हादसा रविवार तड़के हुआ जब वे फरीदपुर की ओर जा रहे थे।

अधूरे पुल की लापरवाही ने ली जानें

बताया जा रहा है कि गूगल मैप्स के जरिए लोकेशन देखकर ये कर्मचारी रात को गुड़गांव से निकलकर बदायूं के रास्ते फरीदपुर जा रहे थे। रामगंगा के इस पुल का निर्माण 2 साल पहले हुआ था, लेकिन नदी की कटान और एप्रोच रोड के बह जाने के बाद पुल का बड़ा हिस्सा अधूरा रह गया। इस पुल पर सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए थे और यही कारण बना कि तीनों कर्मचारी अपनी जान गंवा बैठे।

मृतकों की पहचान हुई, परिवार में शोक की लहर

मृतकों की पहचान गुरुग्राम की सिक्योरिटी कंपनी के कर्मचारी के रूप में की गई। मृतकों में नितिन कुमार (30), अजीत कुमार (35) और अमित (29) शामिल थे। ये तीनों कर्मचारी सिक्योरिटी कंपनी में कार्यरत थे और फरीदपुर में एक शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे। प्रमोद कुमार, जो कि मृतक नितिन का रिश्तेदार है, ने बताया कि नितिन के चचेरे भाई की बेटी की शादी रविवार को फरीदपुर में होनी थी। यही कारण था कि वे गुड़गांव से बरेली और मुरादाबाद का रास्ता छोड़कर सीधे बदायूं के रास्ते फरीदपुर जा रहे थे।

गूगल मैप्स और सरकारी अराजकता बनी जानलेवा

गूगल मैप्स पर पुल को पूरी तरह से बना हुआ दिखाया गया था, लेकिन स्थानीय लोग जानते थे कि पुल अधूरा है और खतरे से भरा हुआ है। यह सरकारी लापरवाही और अराजकता का नतीजा था कि बाहर से आने वाले लोग इस खतरनाक रास्ते पर आकर अपनी जान गंवा रहे थे। हादसे के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को बाहर निकाला और पंचनामा कराया।

चेतावनी: सड़क सुरक्षा पर ध्यान दें

यह दर्दनाक हादसा सरकार और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है। अगर समय रहते इस पुल का मरम्मत और सुरक्षा इंतजाम किए गए होते तो शायद तीनों जिंदगियां बच सकती थीं। इस घटना ने सड़क सुरक्षा और प्रशासन की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

अब इस हादसे के बाद, यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या सरकारी संस्थाएं अपने निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता देती हैं ?

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