Graduation in 2 years: नई दिल्ली: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ग्रेजुएशन की डिग्री को और फ्लेक्सिबल बनाने की तैयारी कर रहा है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो 2025-26 से स्टूडेंट्स को अपनी ग्रेजुएशन डिग्री 2-2.5 साल में पूरी करने का विकल्प मिलेगा। वहीं, कमजोर छात्रों को इसे 5 साल तक बढ़ाने की सुविधा भी दी जाएगी। यह नई पहल उच्च शिक्षा को अधिक सुलभ और छात्रों के लिए उपयोगी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
क्या है UGC की नई Graduation पॉलिसी?
UGC चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने गुरुवार को IIT मद्रास के एक कार्यक्रम में इस पॉलिसी की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह पॉलिसी हायर एजुकेशन को ज्यादा लचीला और छात्रों के अनुरूप बनाने के लिए लाई जा रही है। IIT मद्रास के डायरेक्टर वी. कामाकोटी ने इस तरह की पॉलिसी का सुझाव दिया था, जिस पर UGC लंबे समय से काम कर रहा है।
Graduation in 2 years पॉलिसी के मुख्य बिंदु
डिग्री अवधि घटाना या बढ़ाना:
वर्तमान में ग्रेजुएशन की डिग्री 3-4 साल में पूरी होती है। नई पॉलिसी के तहत, प्रतिभाशाली छात्र 2 से 2.5 साल में ग्रेजुएशन कर सकेंगे। वहीं, पढ़ाई में कमजोर छात्र इसे 5 साल तक बढ़ा सकेंगे।
क्रेडिट स्कोर सिस्टम:
टैलेंटेड स्टूडेंट्स अगर निर्धारित क्रेडिट स्कोर जल्दी पूरा कर लेते हैं, तो उन्हें डिग्री के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
ब्रेक लेने की सुविधा:
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के तहत पहले ही स्टूडेंट्स को कोर्स के बीच ब्रेक लेने और बाद में कोर्स पूरा करने का विकल्प दिया गया है।
क्यों लाई जा रही है यह पॉलिसी?
UGC का मानना है कि हायर एजुकेशन को आसान और ज्यादा लचीला बनाना समय की जरूरत है। इससे न केवल ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स हायर एजुकेशन से जुड़ सकेंगे, बल्कि यह उन्हें आत्मनिर्भर और क्रिटिकल थिंकर भी बनाएगा।
कब लागू होगी यह पॉलिसी?
हालांकि, Graduation in 2 years पॉलिसी को लागू करने की अंतिम तारीख अभी तय नहीं है, लेकिन इसे 2025-26 के शैक्षणिक सत्र से शुरू करने की योजना प्रस्तावित है।

राज्यों की राय और विरोध
हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिल्ली में हायर एजुकेशन की बैठक के दौरान NEP 2020 की प्रगति की समीक्षा की। हालांकि, कुछ राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल और केरल ने इस नीति का विरोध किया था। तमिलनाडु ने तो NEP को अपनाने के बजाय अपनी अलग राज्य शिक्षा नीति बनाई थी।
छात्रों के लिए बड़ा Change
यह पॉलिसी न केवल छात्रों को पढ़ाई के दौरान ज्यादा विकल्प देगी, बल्कि उन्हें अपने करियर के हिसाब से समय का बेहतर प्रबंधन करने में भी मदद करेगी। UGC का यह कदम हायर एजुकेशन को लचीला, आकर्षक और ज्यादा समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।