Haryana alert on amid foot rot diseases: हरियाणा में पशुओं के खुर-सड़न (फुट रॉट) रोग से बचाव के लिए सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है। हिमाचल प्रदेश में भेड़-बकरियों में इस गंभीर रोग के फैलने की खबरों को देखते हुए प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने इस संक्रमण के किसी भी संभावित प्रसार को रोकने के लिए सख्त जैव-सुरक्षा उपायों को अपनाने पर जोर दिया है।
प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश से सटे इलाकों में विशेष ध्यान देने के निर्देश जारी किए हैं ताकि हरियाणा में इस रोग का प्रसार रोका जा सके। विभाग ने पशुपालकों और चरवाहों को समय पर सतर्क रहने और पशुओं में इस रोग के लक्षणों को पहचानने के लिए खास सलाह दी है।
Haryana alert on amid foot rot diseases: फुट रॉट रोग क्या है और क्यों है खतरनाक?
फुट रॉट (खुर-सड़न) रोग भेड़ और बकरियों में होने वाला एक संक्रामक रोग है, जो उनके खुरों को प्रभावित करता है। यह रोग खुरों में संक्रमण के कारण उत्पन्न होता है, जिससे पशुओं के चलने-फिरने की क्षमता गंभीर रूप से प्रभावित होती है। इससे पशु लंगड़ाने लगते हैं, खुरों से दुर्गंध आने लगती है और खुर की बनावट में असामान्यताएं देखने को मिलती हैं। अगर समय रहते इस रोग का इलाज न किया जाए, तो चरवाहों और पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
हरियाणा सरकार ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल इस बीमारी से बचाव के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है, इसलिए केवल जैव-सुरक्षा के सख्त उपाय ही इस रोग से बचाव का प्रभावी तरीका हैं।
Haryana alert on amid foot rot diseases: हरियाणा में फुट रॉट रोग से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदम
पशुपालन एवं डेयरी विभाग, हरियाणा के प्रवक्ता के अनुसार, प्रदेश में अब तक foot rot का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन विभाग ने पहले से ही एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगे इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जाए। इसके तहत, राज्य के सरकारी पशु चिकित्सा अस्पतालों और औषधालयों में संक्रमण नियंत्रण के लिए आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
Haryana alert on amid foot rot diseases: इन दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है:
पोटेशियम परमैंगनेट
हाइड्रोजन पेरोक्साइड
पॉविडोन आयोडीन
विभाग के अधिकारियों को राज्य के हर कोने में सतर्कता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। खासकर उन इलाकों में जहां भेड़ और बकरियों का पालन अधिक होता है। विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि सभी पशु चिकित्सा केंद्रों में ये दवाएं आसानी से उपलब्ध हों, ताकि समय पर उपचार किया जा सके और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
Haryana alert on amid foot rot diseases: पशुपालकों और चरवाहों के लिए विशेष निर्देश
सरकार ने पशुपालकों और चरवाहों को चेतावनी दी है कि वे अपने पशुओं में किसी भी प्रकार के संदिग्ध लक्षणों के प्रति सतर्क रहें। भेड़-बकरियों में लंगड़ापन, खुरों से दुर्गंध या खुर की बनावट में असामान्यता के लक्षण दिखने पर तुरंत पशु चिकित्सा अधिकारी को सूचित करें। इसके अलावा, पशुपालकों को सलाह दी गई है कि वे नियमित रूप से अपने पशुओं का निरीक्षण करें और किसी भी प्रकार की असामान्यता की रिपोर्ट तत्काल दें।
संभावित लक्षण जो आपको देखने चाहिए:
भेड़-बकरियों का लंगड़ाना
खुरों से दुर्गंध आना
खुर की बनावट में असामान्यता
अगर आप किसी भी पशु में इन लक्षणों को देखते हैं, तो तुरंत अपने नजदीकी पशु चिकित्सा केंद्र पर संपर्क करें या राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए टोल-फ्री नंबर 1962 पर सहायता प्राप्त करें।
Haryana alert on amid foot rot diseases: सख्त जैव-सुरक्षा उपाय अपनाने पर जोर
चूंकि इस बीमारी से बचाव का कोई टीका उपलब्ध नहीं है, इसलिए विभाग ने सख्त जैव-सुरक्षा उपाय अपनाने की सिफारिश की है। पशुपालकों को सलाह दी गई है कि वे अपने पशुओं की साफ-सफाई और रहने की जगहों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। खुरों की नियमित रूप से सफाई और संक्रमण रोकने के लिए पोटेशियम परमैंगनेट या हाइड्रोजन पेरोक्साइड का इस्तेमाल करें।
इसके अलावा, पशुपालकों को यह भी सलाह दी गई है कि वे अपनी भेड़ और बकरियों को संक्रमण-प्रभावित इलाकों से दूर रखें। हिमाचल प्रदेश से सटे इलाकों में चरवाहों को अपने पशुओं के संपर्क को सीमित करने की सिफारिश की गई है।
रोग की रोकथाम के लिए सरकार की तैयारियाँ
पशुपालन विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश सरकार फुट रॉट रोग के संभावित विस्तार को रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सभी सरकारी पशु चिकित्सा अस्पतालों और औषधालयों में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है और किसी भी आपात स्थिति के लिए विभाग सतर्क है। अधिकारियों को समय-समय पर पशुओं की निगरानी के निर्देश दिए गए हैं, ताकि प्रदेश में इस रोग का कोई भी मामला न फैल सके।
सरकार ने यह भी कहा है कि अगर कोई संदिग्ध मामला सामने आता है, तो तुरंत जांच और इलाज की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए विभाग ने राज्य भर में विशेष टीमों का गठन किया है, जो किसी भी आपात स्थिति में तुरंत हरकत में आ सकेंगी।

फुट रॉट से बचाव के लिए जागरूक रहें
हरियाणा सरकार द्वारा foot rot रोग के संभावित खतरे के मद्देनजर जारी की गई एडवाइजरी पशुपालकों और चरवाहों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है। इस रोग से बचाव के लिए सख्त जैव-सुरक्षा उपायों का पालन करना अत्यावश्यक है। पशुपालकों को सलाह दी जाती है कि वे नियमित रूप से अपने पशुओं की जांच करें और किसी भी संदिग्ध लक्षण के बारे में तुरंत सूचित करें।
सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करके और विभाग के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करके हम इस रोग के फैलाव को रोक सकते हैं।
यदि आप अपने पशुओं में किसी भी प्रकार के लक्षण देखते हैं, तो बिना देरी किए स्थानीय पशु चिकित्सा अधिकारी से संपर्क करें।