हरियाणा में क्लर्कों ने क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले फिर से हड़ताल (clerk strike) का बिगुल फूंक दिया है। 12 से 14 अगस्त तक चेतावनी हड़ताल की जाएगी।
उसके बाद भी सरकार ने क्लर्कों की मांग नहीं मानी तो फिर बड़ा फैसला लिया जाएगा। इससे पहले भी क्लर्काें ने करीब 42 दिनों तक हड़ताल की थी। क्लर्क पे ग्रेड 35400 की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा पिछले साल की गई 42 दिन की हड़ताल को ड्यूटी पीरियड में गिनने की मांग है, जो सरकार ने अभी तक पूरी नहीं है।
हरियाणा में 15 हजार से ज्यादा क्लर्क व जींद जिले में 750 क्लर्क अपना काम छोड़ (Clerk Strike again) सोमवार से हड़ताल पर बैठ गए हैं। जींद क्लेरिकल एसोसिएशन के प्रधान सुशील लाठर ने कहा कि लिपिकों की सिर्फ एक ही मांग है कि लिपिकों के कार्य व योग्यता के आधार पर न्यूनतम वेतन 19900 से बढ़ाकर 35400 किया जाए।
अभी तो केवल 12 से 14 अगस्त तक की चेतावनी हड़ताल है लेकिन सरकार ने उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया तो विधानसभा चुनावों में सरकार को इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है। एसोसिएशन के पिछले तीन वर्ष से चल रहे संघर्ष व प्रदर्शन के बावजूद सरकार जायज मांग को नजरंदाज कर रही हैं। एसोसिएशन द्वारा प्रदेश के सभी सांसदों, विधायकों, पूर्व विधायको जिला उपायुक्तों व अन्य सरकारी प्रतिनिधियों को ज्ञापन देने के बावजूद सरकार हमारी मांगों को लेकर बातचीत नहीं कर रही हैं।
प्रदेशभर के सभी लिपिक वर्ग के कर्मचारियों द्वारा पिछले साल पांच जुलाई से 15 अगस्त तक हड़ताल की गई थी। करीब 42 दिन तक चली हड़ताल के बाद मुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई थी। इसमें तत्कालीन मुख्यमंंत्री ने आश्वासन दिया था कि उनकी मांग मानी जाएगी। साथ ही 42 दिन की हड़ताल को ड्यूटी पीरियड में गिना जाएगा लेकिन सरकार ने 42 दिन को ड्यूटी पीरियड में (clerk hadtal) गिनने की बजाया इ.एल. में एडजस्ट कर दिया।
एसोसिएशन पदाधिकारियों ने बताया कि जब से हरियाणा प्रदेश का गठन हुआ है तब से हरियाणा सरकार ने समय-समय पर विभिन्न पदो जैसे अध्यापक, फार्मासिस्ट, एम.पी.एच.डब्लू., जी.एन.एम, नर्सिग स्टाफ, जूनियर इंजीनियर एवं अन्य पदों के कार्यों की समीक्षा के उपरान्त या अन्य किसी दूसरे कारणों से उनके वेतनमान मे सम्मान जनक बढ़ोतरी की है।
पहले लिपिक पद का (clerk protest) वेतनमान एम.पी.एच.डब्लू, ड्राईवर, वैक्सीनेटर, सिग्नलर, फोरेस्ट गार्ड, जे.बी.टी टीचर, जूनियर इंजीनियर, पटवारी, फार्मासिस्ट आदि पदों के वेतनमान के लगभग बराबर या इनसे ज्यादा हुआ करता था लेकिन सातवें वेतन आयोग तक लिपिक पद का वेतनमान अन्य पदो की तुलना मे अपग्रेड नहीं किया गया।