Haryana DSC OSC Reservation: चंडीगढ़: भाजपा सरकार ने तीसरी बार सत्ता में आते ही एक बड़ा ऐलान कर इतिहास रच दिया है। अनुसूचित जातियों में आरक्षण के वर्गीकरण की सिफारिशों को लागू कर सरकार ने वंचित और अन्य अनुसूचित जातियों के बीच वर्षों से चली आ रही असमानता को खत्म करने का काम किया ।
हरियाणा में अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के भीतर आरक्षण के वर्गीकरण को लागू करने का फैसला भाजपा सरकार का एक बड़ा कदम साबित हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त 2024 को इस संबंध में निर्णय सुनाया था, जिसमें राज्य सरकारों को SC वर्ग के भीतर उप-वर्गीकरण करने का अधिकार दिया गया था। इसके बाद हरियाणा सरकार ने 9 अगस्त 2024 को हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग से रिपोर्ट मांगी थी।
Haryana DSC OSC Reservation: आयोग की सिफारिशों पर सरकार का मास्टरस्ट्रोक
हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग ने तेजी से काम करते हुए 16 अगस्त 2024 को, चुनाव आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले, सरकार को 88 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में आयोग ने अनुसूचित जातियों के आरक्षण को दो भागों—वंचित अनुसूचित जाति (DSC) और अन्य अनुसूचित जाति (OSC) में विभाजित करने की सिफारिश की। सरकार ने इस रिपोर्ट को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करते हुए वादा किया था कि सत्ता में आते ही इस पर अमल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सरकार बनने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस वर्गीकरण को लागू करने की घोषणा की, जिससे प्रदेश की अनुसूचित जाति के लाखों लोगों को समान अवसर मिल सके। सैनी सरकार के अनुसार इस निर्णय के बाद सरकारी नौकरियों और शिक्षा में DSC और OSC के बीच एक संतुलन स्थापित होगा।
Haryana DSC OSC Reservation: आरक्षण में असमानता खत्म
हरियाणा में कुल 64.39 लाख अनुसूचित जाति के लोग हैं, जिनमें वंचित अनुसूचित जाति वर्ग के 33.74 लाख (52.40%) लोग और अन्य अनुसूचित जाति वर्ग के 30.64 लाख (47.60%) लोग शामिल हैं। राज्य में अनुसूचित जातियों के लिए सरकारी नौकरियों में 20% आरक्षण है, लेकिन सरकार के अनुसार अब तक इसमें एक बड़ा असंतुलन देखा जा रहा था। सरकारी सेवाओं में कुल 49,153 SC अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें 60.30% पदों पर OSC और 39.70% पदों पर DSC वर्ग के लोग नियुक्त हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार DSC वर्ग, जिसमें 36 जातियां शामिल हैं, न केवल नौकरियों में बल्कि शैक्षणिक योग्यता, खासकर ग्रुप-ए, बी और सी पदों पर, भी पिछड़ा हुआ है। ग्रुप-ए पदों पर मात्र 2%, ग्रुप-बी में 12%, ग्रुप-सी में 23%, और ग्रुप-डी में 63% DSC वर्ग के लोग कार्यरत हैं। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि OSC वर्ग को अब तक नौकरियों में ज्यादा अवसर मिलते रहे हैं।

Haryana DSC Reservation: आरक्षण के तहत DSC वर्ग को मिलेगा विशेष लाभ
नए वर्गीकरण के तहत अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित 20% कोटे में से आधा, यानी 10% कोटा DSC वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रहेगा। यदि DSC के उपयुक्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होते हैं, तो इस कोटे का उपयोग OSC वर्ग के उम्मीदवारों को नियुक्त करने के लिए किया जाएगा। सरकार के अनुसार इस कदम से DSC वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में समान अवसर मिलेंगे, जो अब तक OSC वर्ग के लोगों को ज्यादा मिलते थे।
Haryana DSC OSC Reservation: वर्गीकरण का इतिहास
1996 में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी भजन लाल ने अनुसूचित जाति वर्ग को दो हिस्सों में विभाजित कर SC-A और SC-B के रूप में आरक्षण देने का प्रावधान किया था। इसके तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में बराबरी का अधिकार दिया गया था। आंध्र प्रदेश सरकार के इस मॉडल को 2006 में असंवैधानिक घोषित किया गया, जिसके बाद हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने भी इसी आधार पर यह वर्गीकरण समाप्त कर दिया।
हालांकि, पंजाब ने इस फैसले को लागू नहीं किया और विधानसभा में कानून बनाकर वर्गीकरण जारी रखा। लेकिन इसे भी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, जिसने 2024 में राज्य सरकारों को आरक्षण में उप-वर्गीकरण करने का अधिकार दिया। इसके आधार पर हरियाणा सरकार ने इस वर्गीकरण को लागू किया है।
वंचित अनुसूचित जातियों की समस्याएं
हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि वंचित अनुसूचित जातियों (DSC) को सरकारी सेवाओं और शिक्षा में अब तक उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है। खासकर ग्रुप-ए, बी और सी की सरकारी सेवाओं में OSC वर्ग का अधिक प्रतिनिधित्व है, जबकि DSC वर्ग को अपेक्षाकृत कम अवसर मिलते हैं। ग्रुप-डी की नौकरियों में DSC वर्ग का प्रतिनिधित्व अधिक है, लेकिन उच्च पदों पर उनकी कमी स्पष्ट दिखाई देती है।
वर्गीकरण की प्रक्रिया
सरकार ने परिवार पहचान पत्र यानि फैमिली आईडी (PPP) डेटा का उपयोग करते हुए यह वर्गीकरण किया है। प्रदेश में 64.39 लाख अनुसूचित जाति के लोगों में से 49,153 लोग सरकारी नौकरियों में कार्यरत हैं, जिनमें 29,639 OSC और 19,514 DSC वर्ग के हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि वंचित अनुसूचित जातियों को सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व का उचित अवसर मिलेगा।
इसके तहत भर्ती प्रक्रियाओं में DSC और OSC वर्ग के उम्मीदवारों की अंतर वरिष्ठता को सुनिश्चित किया जाएगा ताकि चयन प्रक्रिया में किसी प्रकार का भेदभाव न हो। सरकार ने यह भी कहा है कि यदि DSC वर्ग के उम्मीदवार पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं होते हैं, तो OSC वर्ग के उम्मीदवारों को रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री को जताया आभार
DSC में शामिल 36 जातियों के लोगों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को इस ऐतिहासिक फैसले के लिए आभार व्यक्त किया है। वंचित जातियों ने सरकार के इस कदम को अपने लिए एक बड़ा अवसर माना है, जिससे वे सरकारी नौकरियों और शिक्षा में बराबरी का हक पा सकेंगे।