Haryana news: पराली से घर बैठे लाखों की कमाई कर रहा हरियाणा का ये छोरा,लाया एक खास मशीन

Haryana news: सर्दियों के आते ही पराली जलाने की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो जाता है। सरकार ने पराली जलाने को रोकने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं और किसानों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है, लेकिन इसके बावजूद समस्या जस की तस बनी रहती है। इस चुनौती के बीच कुछ युवा अपने हुनर और जज़्बे से न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहे हैं, बल्कि एक सफल व्यवसाय भी खड़ा कर रहे हैं। करनाल के गांव औंगद के शेखर राणा इसका एक उदाहरण हैं।

पराली से पर्यावरण संरक्षण और रोजगार की राह

शेखर राणा ने चार साल पहले फसल अवशेष प्रबंधन के क्षेत्र में कदम रखा था। उनका सपना विदेश जाकर बसने का था, लेकिन उन्होंने गांव में रहकर कुछ करने का निर्णय लिया। साल 2021 में उन्होंने एक बेलर मशीन खरीदी, जिससे उन्होंने पराली के गट्ठे बनाने का काम शुरू किया। इस काम की बढ़ती सफलता को देखते हुए उन्होंने अगले ही साल दो और बेलर मशीनें खरीदीं।

आज शेखर लगभग 60 युवाओं को रोजगार दे रहे हैं। उनका काम मुख्य रूप से पराली के गट्ठे बनाकर उन्हें पानीपत की IOCL रिफाइनरी तक पहुंचाना है, जिससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है।

Haryana news: पराली से घर बैठे लाखों की कमाई कर रहा हरियाणा के ये छोरा,लाया एक खास मशीन
Haryana news: पराली से घर बैठे लाखों की कमाई कर रहा हरियाणा के ये छोरा,लाया एक खास मशीन

कृषि अवशेष से रोजगार और मुनाफा

शेखर की यह पहल न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे कई अन्य युवाओं को भी रोजगार मिला है। पराली का सही तरीके से प्रबंधन करने से जहां वायु प्रदूषण कम हो रहा है, वहीं इसका उपयोग औद्योगिक इकाइयों में किया जा रहा है। शेखर का कहना है कि उन्होंने सिर्फ एक मशीन से शुरुआत की थी और आज उनकी मेहनत ने उन्हें लाखों रुपये कमाने का अवसर दिया है।

शेखर का सपना है कि वह इस काम को और भी बड़े स्तर पर ले जाएं, ताकि अधिक से अधिक किसानों और युवाओं को इससे जोड़ा जा सके। इसके साथ ही वह पर्यावरण संरक्षण में भी अपनी भूमिका को और मजबूती से निभाना चाहते हैं। उनकी इस पहल से प्रेरित होकर अन्य युवा भी इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।

शेखर राणा जैसे युवाओं ने साबित कर दिया है कि सही दिशा और प्रयासों से न केवल पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है, बल्कि इससे अच्छी आय भी अर्जित की जा सकती है। उनका काम न केवल अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणा है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन का भी एक नया तरीका प्रस्तुत करता है।

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