Haryana politics : इनेलो ने 2004 में जींद की कृष्णा मलिक को सोनीपत से उतारा था चुनावी दंगल में
Haryana politics : सोनीपत संसदीय क्षेत्र में महज एक-तिहाई भागीदारी वाले जींद जिले पर कांग्रेस पार्टी ने बहुत बड़ा दांव जींद जिले के सतपाल ब्रह्मचारी को प्रत्याशी बनाकर लगाया है। 2004 के पूरे 20 साल बाद किसी प्रमुख राजनीतिक दल ने जींद जिले से अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है। सोनीपत से 2004 से पहले और बाद में किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल ने जींद जिले पर प्रत्याशी के मामले में दांव नहीं लगाया था।
सोनीपत संसदीय क्षेत्र के 9 विधानसभा क्षेत्रों में से 3 विधानसभा क्षेत्र जींद, सफीदों और जुलाना विधानसभा क्षेत्र जींद जिले के हैं। इस संसदीय क्षेत्र में सोनीपत जिले के गोहाना, बरोदा, खरखोदा, सोनीपत, गन्नौर, राई विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 2009 के परिसीमन से पहले जींद जिले के सफीदों और जुलाना दो ही विधानसभा क्षेत्र सोनीपत संसदीय क्षेत्र के तहत आते थे। जब 2009 में नए परिसीमन के तहत संसदीय चुनाव हुए, तब जींद जिले की जींद विधानसभा सीट को भी सोनीपत संसदीय क्षेत्र में शामिल कर दिया गया था।
20 साल बाद किसी प्रमुख दल का सोनीपत से प्रत्याशी जींद जिले से
सोनीपत संसदीय सीट पर किसी प्रमुख राजनीतिक दल ने पूरे 20 साल बाद 3 विधानसभा क्षेत्रों वाले जींद जिले पर दांव लगाया है। कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी का पुराना गांव बराह कलां जुलाना हलके में है, जबकि उनका वर्तमान गांव गांगोली जींद जिले के सफीदों हलके में है। उन पर दांव लगाकर कांग्रेस और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने 3 विधानसभा क्षेत्रों वाले जींद जिले को साधने का प्रयास किया है। 2019 में भूपेंद्र हुड्डा ने जब सोनीपत से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा था, तब उन्हें जींद जिले की इन तीनों विधानसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।
उन्होंने अब जींद जिले के सतपाल ब्रह्मचारी को प्रत्याशी बनाकर जींद जिले के इन तीन विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं को यह संदेश दिया है कि जींद वालों के पास सोनीपत से अपना सांसद बनने का बढ़िया मौका है। इसमें सोनीपत जिले के 6 विधानसभा क्षेत्रों का जहां तक सवाल है, तो वहां पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस पहले से काफी मजबूत हैं । सोनीपत जिले के 6 विधानसभा क्षेत्रों में सतपाल ब्रह्मचारी को लीड दिलवाने की जिम्मेदारी भूपेंद्र हुड्डा पर रहेगी, तो सफीदों में कांग्रेस विधायक सुभाष गांगोली और जुलाना में कांग्रेस पार्टी की टिकट के लगभग दर्जन भर से ज्यादा दावेदारों और खुद सतपाल ब्रह्मचारी पर भाजपा को कड़ी टक्कर देने का दायित्व रहेगा।
पूर्व सीएम हुड्डा ने बहुत सोच – समझकर सतपाल ब्रह्मचारी पर दांव लगाया है। उन्हें भरोसा है कि वह सोनीपत जिले में सतपाल ब्रह्मचारी की नैया अपने दम पर पार लगवा देंगे और आगे जींद जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों के मतदाता अपने क्षेत्र के सतपाल ब्रह्मचारी को नहीं हारने देंगे।
पहली बार 2004 में इनेलो ने लगाया था जींद जिले पर दांव
मई 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में पहली बार सोनीपत संसदीय क्षेत्र से किसी प्रमुख राजनीतिक दल ने सोनीपत की बजाय जींद जिले के नेता पर दांव लगाया था। इनेलो ने 2004 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक डॉ महेंद्र सिंह मलिक की धर्मपत्नी कृष्णा मलिक को सोनीपत से चुनावी दंगल में उतारा था। कृष्णा मालिक जींद जिले के जुलाना विधानसभा क्षेत्र के शामलो कलां गांव की बहु हैं और उनका मायका सोनीपत जिले के बिचपड़ी गांव में है।
2004 के लोकसभा चुनाव में भले ही इनेलो की कृष्णा मलिक सोनीपत से बीजेपी के किशन सिंह सांगवान से लगभग 9 हजार मतों के मामूली अंतर से लोकसभा चुनाव हार गई थी, लेकिन तब प्रदेश में सबसे कम मतों से हार कृष्णा मलिक की हुई थी। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला भिवानी से लगभग 55 हजार मतों से हारे थे तो छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला कुरुक्षेत्र से लगभग डेढ़ लाख मतों से पराजित हुए थे। कृष्णा मलिक की सोनीपत से इनेलो टिकट पर हार के बाद किसी प्रमुख राजनीतिक दल ने जींद जिले पर दोबारा दांव नहीं लगाया।
2004 के पूरे 20 साल बाद अब कांग्रेस ने सोनीपत में इनेलो जैसी हिम्मत जींद जिले के सतपाल ब्रह्मचारी को प्रत्याशी बनाकर दिखाई है। एआईसीसी के पूर्व सदस्य दलीप सिंह गिल, सफीदों के कांग्रेस विधायक सुभाष गांगोली, जुलाना के पूर्व विधायक प्रमेंद्र ढुल, जींद के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुरेश गोयत, पिल्लूखेड़ा आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान वेदपाल भनवाला ने सतपाल ब्रह्मचारी को सोनीपत से प्रत्याशी बनाए जाने का स्वागत करते हुए कहा की सतपाल की जीत पक्की है।