HSSC News : बर्थडे के दिन आई HSSC की लिस्ट, 2 नौकरियों में हो गया चयन पर लेने वाला अब इस दुनिया में नहीं, 47 दिन पहले ही हो चुकी मुकेश की मौत

HSSC News : हरियाणा के नारनौल शहर के मोतीनगर निवासी मुकेश अग्रवाल की 47 दिन पहले हार्ट अटैक से निधन हो गया था। वीरवार, 17 अक्टूबर, को उनके जन्मदिन पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने ग्रुप D और ग्रुप C में पटवारी के पद के लिए उनके चयन का परिणाम घोषित किया। यह सुनकर उनके परिवार के सदस्य भावुक हो गए, क्योंकि एक ओर जहां उन्हें दो सरकारी नौकरियों की खुशखबरी मिली, वहीं दूसरी ओर मुकेश अब इस दुनिया में नहीं रहे।

मुकेश अग्रवाल के पिता, सीताराम अग्रवाल, एक व्यापारी हैं। उन्होंने अपने बेटे की मौत के बाद यह जानने का प्रयास किया कि मुकेश ने कब नौकरी के लिए आवेदन किया था। मुकेश ने परीक्षा देने के लिए फॉर्म भरा था, लेकिन परिवार को इसकी जानकारी तब हुई जब वह परीक्षा में शामिल हुए। जब रिजल्ट आया, तो मुकेश के जन्मदिन पर उनके चयन का संदेश मोबाइल पर आया, जिससे परिवार के सदस्य आंसू नहीं रोक (Hssc news) पाए।

Hssc result mukesh narnaul city
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HSSC news: भर्ती परीक्षा की जानकारी

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ग्रुप सी के कुल 25,500 और ग्रुप डी के 2,600 पदों की भर्ती की गई थी। इस परीक्षा में कुल 24,800 अभ्यार्थियों का चयन किया गया। परिणाम आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया गया, जहां अभ्यार्थियों ने अपने रजिस्ट्रेशन नंबर और रोल नंबर डालकर नतीजे चेक किए। महेंद्रगढ़ जिले में सबसे अधिक 1,980 अभ्यार्थियों के चयन की चर्चा भी सोशल मीडिया पर हो रही है।

Mukesh Aggarwal Narnaul : पारिवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा

मुकेश ने बीटेक तक पढ़ाई की थी और इससे पहले रेलवे में लोको पायलट के पद पर चयनित हुए थे, लेकिन उन्होंने उस नौकरी को जॉइन नहीं किया। उनके परिवार की पृष्ठभूमि पूरी तरह से गैर-राजनीतिक है। न तो उन्होंने किसी मंत्री, विधायक से सिफारिश लगाई और न ही नौकरी के लिए पैसे देने का प्रयास किया।

Hssc news result : जिंदगी का महत्व

मुकेश की कहानी से यह स्पष्ट होता है कि नौकरी की खुशी जीवन की सबसे महत्वपूर्ण बात नहीं है। उनके परिवार ने कहा कि नौकरी मायने नहीं रखती, जीवन मायने रखता है। इस दुखद घटना ने यह संदेश दिया है कि जिंदगी की अनमोलता को समझना चाहिए और इसे जीने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।

मुकेश अग्रवाल की कहानी एक ऐसी दास्तान है जो हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि जीवन कितना अस्थायी है। जन्मदिन पर मिली खुशी और दुखद खबर ने उनके परिवार को भावुक कर दिया। उनकी यादें और संघर्ष हमेशा उनके परिवार के साथ रहेंगे, लेकिन यह सच्चाई है कि हम सभी को जीवन के महत्व को समझना चाहिए और इसे पूरी तरह जीना चाहिए।

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