Hydrogen Train: जींद: हरियाणा के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम है। नए साल पर जींद से सोनीपत के बीच भारत की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन दौड़ने लगेगी। जींद जंक्शन पर 118 करोड़ रुपये की लागत से बने हाइड्रोजन प्लांट का कार्य लगभग 80% पूरा हो चुका है और दिसंबर 2024 तक यह पूरी तरह तैयार हो जाएगा। इसके बाद, इस ट्रेन का ट्रायल शुरू होगा और ट्रायल सफल होने पर ट्रेन को नियमित रूप से संचालित किया जाएगा।
क्या है इस Hydrogen Train की खासियतें?
हाइड्रोजन इंजन: यह ट्रेन डीजल के बजाय हाइड्रोजन फ्यूल सेल पर चलेगी, जिससे पर्यावरण के लिए हानिकारक धुआं नहीं, बल्कि सिर्फ भाप और पानी उत्सर्जित होंगे।
उच्च माइलेज: हाइड्रोजन ट्रेन एक किलो हाइड्रोजन में करीब साढ़े चार लीटर डीजल के बराबर माइलेज देगी, जिससे इसे ज्यादा दूरी तय करने में मदद मिलेगी।
बेहतर रखरखाव: इसका रखरखाव भी अन्य डीजल ट्रेनों की तुलना में सस्ता और आसान होगा।
अक्षय ऊर्जा और बैटरी सिस्टम: यह हाइब्रिड ट्रेन होगी, जिसमें फ्यूल सेल के साथ-साथ बैटरी और सुपरकैपेसिटर लगे होंगे। ट्रेन को चलाने के लिए हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का संयोजन होगा जिससे बिजली बनेगी और बैटरियां चार्ज होंगी।
कम ध्वनि प्रदूषण: ट्रेनों में आवाज बहुत कम होगी, जिससे यात्री आरामदायक सफर का अनुभव कर सकेंगे।
हाइड्रोजन प्लांट और स्टोरेज क्षमता
जींद जंक्शन पर बने प्लांट में लगभग 3,000 किलोग्राम हाइड्रोजन गैस स्टोर की जा सकेगी, और रोजाना 40,000 लीटर पानी की आवश्यकता होगी। यह प्लांट पूरी तरह से हरित ऊर्जा पर आधारित होगा और स्टेशन की छतों से आने वाले वर्षा जल का भी उपयोग करेगा।
भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन बनने जा रही है विश्वस्तरीय
हाइड्रोजन ट्रेन के शुरू होने के बाद भारत इस तकनीक को अपनाने वाला दुनिया का पांचवां देश बन जाएगा। यह ट्रेन दो पावर प्लांट्स से लैस होगी और एक बार में 180 किलोमीटर की दूरी तय कर सकेगी। इसकी तेज रफ्तार, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल सुविधाएं इसे एक उत्कृष्ट विकल्प बनाएंगी।
शैलेंद्र मिश्रा, IOW, रेलवे, जींद के अनुसार, दिसंबर 2024 तक इस हाइड्रोजन ट्रेन के परिचालन का काम पूरा होने की पूरी संभावना है, और नए साल पर यह जींद-सोनीपत रूट पर यात्रा शुरू कर सकती है।