Janam Ghutti for Babies : क्या नवजात शिशु को जन्म घुट्टी देना है सुरक्षित? विशेषज्ञों की सलाह के बिना हो सकता है खतरा,जानें डॉक्टर की राय

Anita Khatkar
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Janam Ghutti for Babies : मां बनना एक बेहद सुखद अनुभव होता है, लेकिन इसके साथ ही नई मां के मन में बच्चों की देखभाल को लेकर कई सवाल भी उठते हैं। बच्चे को क्या खिलाना-पिलाना चाहिए, कौन सी देखभाल सही है और पारंपरिक रीति-रिवाजों को कितना मानना सही है, ये सवाल अक्सर नई मांओं को उलझन में डाल देते हैं। ऐसे ही एक सवाल के घेरे में है “जन्म घुट्टी” – क्या यह शिशु के लिए सही है?

Janam Ghutti for Babies : क्या है जन्म घुट्टी और क्यों दी जाती है?

पुरानी परंपराओं के अनुसार, शिशु को जन्म के तुरंत बाद या शुरुआती महीनों में जन्म घुट्टी देने की सलाह दी जाती है। कहा जाता है कि इससे बच्चे का पाचन तंत्र मजबूत होता है और वह बीमारियों से दूर रहता है। Janam Ghutti में शहद, चीनी, और कई आयुर्वेदिक हर्ब्स का मिश्रण होता है, जिसे बच्चे को पिलाने की सलाह दी जाती है। लेकिन क्या यह सही है? आइए, जानते हैं विशेषज्ञों की राय।

Janam Ghutti for Babies : डॉक्टर क्या कहते हैं?

बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गोविंद यादव के अनुसार, शिशु के जन्म के बाद 6 महीने तक केवल मां का दूध ही उसके पाचन तंत्र के लिए उपयुक्त होता है। शिशु की पाचन क्रिया बहुत नाजुक होती है और जन्म घुट्टी में मौजूद तत्व उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं। डॉक्टर यादव का कहना है कि जन्म घुट्टी में मौजूद शहद, प्रिजर्वेटिव्स और हर्ब्स शिशु के लिए हानिकारक हो सकते हैं, और इससे बच्चे के विकास में बाधा आ सकती है।

Janam Ghutti for Babies : जन्म घुट्टी देने के नुकसान

1. एलर्जी का जोखिम: जन्म घुट्टी में इस्तेमाल होने वाले आयुर्वेदिक हर्ब्स शिशु के शरीर में एलर्जिक रिएक्शन पैदा कर सकते हैं, जिससे त्वचा संबंधी और अन्य शारीरिक परेशानियां हो सकती हैं।

2. वैज्ञानिक प्रमाण की कमी: डॉक्टरों के अनुसार, जन्म घुट्टी के फायदों को लेकर कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। पारंपरिक मान्यताओं पर आधारित यह प्रक्रिया शिशु के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है।

3. बोटुलिज्म का खतरा: जन्म घुट्टी में शहद का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे नवजात में बोटुलिज्म नामक गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है। यह एक घातक स्थिति हो सकती है।

4. पोषण में बाधा: जन्म घुट्टी शिशु के प्राकृतिक पोषण यानी मां के दूध के सेवन को बाधित कर सकती है, जिससे बच्चे को आवश्यक पोषण नहीं मिल पाता।

5. पाचन संबंधी समस्याएं: जन्म घुट्टी का हर्बल फॉर्मूला शिशु के नाजुक पाचन तंत्र पर बुरा असर डाल सकता है। इसके कारण बच्चों को दस्त, उल्टी और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

Janam Ghutti for Babies : क्या करना चाहिए नई मांओं को?

डॉक्टरों का स्पष्ट कहना है कि नवजात शिशु को जन्म घुट्टी देने से पहले माता-पिता को विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए। बिना किसी प्रमाणित मेडिकल गाइडेंस के पारंपरिक उपायों का पालन करना शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है।

 

नवजात शिशु को जन्म घुट्टी देना एक पुरानी परंपरा है, लेकिन विशेषज्ञ इसे सुरक्षित नहीं मानते। मां का दूध ही नवजात के लिए सर्वोत्तम आहार है। इसलिए किसी भी घरेलू नुस्खे को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें, ताकि शिशु को सुरक्षित और स्वस्थ रखा जा सके।

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