Karwa chauth chand kab niklega : हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और कई अन्य राज्यों में करवा चौथ एक महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस साल, करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 यानि आज है। इस खास दिन को सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है और इस दिन महिलाएं पूरे दिन बिना अन्न और जल ग्रहण किए व्रत करती हैं। शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत को तोड़ा जाता है।
Karwa chauth 2024 moon rise time haryana ncr punjab: करवा चौथ का महत्त्व और मान्यता
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत का संबंध देवी करवा की कथा से है, जिन्होंने अपने पति की जान बचाने के लिए मगरमच्छ से लड़ाई की थी। उनके अद्वितीय साहस और सतीत्व के कारण उनके पति को नया जीवन मिला। इस कथा को आधार बनाकर ही महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं और करवा माता से आशीर्वाद मांगती हैं। यह पर्व न केवल वैवाहिक संबंधों में प्रेम और विश्वास को दर्शाता है, बल्कि यह महिलाओं के साहस और समर्पण का प्रतीक भी है।
करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय व्रत खोलने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस साल अलग-अलग शहरों में चंद्रमा उदय का समय इस प्रकार है:
Karwa chauth 2024 moon rise time haryana: हरियाणा के शहरों में चंद्रोदय का समय
जिला – चांद निकलने का समय
अंबाला – 7 बजकर 55 मिनट पर
भिवानी- 8 बजकर 3 मिनट पर
चरखी दादरी- 8 बजकर 16 मिनट पर
फरीदाबाद- 8 बजकर चार मिनट पर
फतेहाबाद- 8 बजकर 10 मिनट पर
गुरुग्राम – 8 बजकर 16 मिनट पर
हिसार- 8 बजकर 16 मिनट पर
झज्जर- 8 बजकर 10 मिनट पर
जींद- 7 बजकर 45 मिनट पर
कैथल- 7 बजकर 45 मिनट पर
करनाल -7 बजकर 45 मिनट पर
कुरुक्षेत्र – रात 8 बजे
महेंद्रगढ़- आठ बजकर चार मिनट
नूंह- रात 8 बजे
पलवल- रात 8 बजे
पंचकुला- 7 बजकर 54 मिनट पर
पानीपत- आठ बजे
रेवाड़ी- 7 बजकर 56 मिनट पर
रोहतक- 7 बजकर 54 मिनट पर
सिरसा- 7 बजकर 51 मिनट पर
सोनीपत- 7 बजकर 52 मिनट पर
यमुनानगर- 7 बजकर 54 मिनट पर
Karwa Chauth 2024 Punjab Moon Rise Time: पंजाब के प्रमुख शहरों में चंद्रोदय का समय
अमृतसर: रात 8 बजकर 5 मिनट पर
करतारपुर: रात 8 बजकर 2 मिनट पर
गुरदासपुर : रात 8 बजकर 1 मिनट पर
जालंधर: रात 8 बजकर 4 मिनट पर
पटियाला: रात 7 बजकर 57 मिनट पर
मानसा रात: रात 8 बजकर 3 मिनट पर
लुधियाना: रात 7 बजकर 59 मिनट पर
घनौर: रात 7 बजकर 56 मिनट पर
रईया: रात में 8 बजकर 7 मिनट पर
देश के अन्य शहरों में चांद निकलने का समय :
Delhi Chand Time: दिल्ली: रात 7:53 बजे
Noida chand time:
नोएडा: रात 7:52 बजे
Jammu chand time:
जम्मू: 7:52 बजे
जयपुर: रात 7:54 बजे
Dehradun chand time: देहरादून: रात 7:24
Shimla chand time:
शिमला: रात 7:47 बजे
Lucknow Chand time: लखनऊ: रात 7:42 बजे
आगरा: 7:55 बजे
लखनऊ: 7:42 बजे
वाराणसी: 7:32 बजे
पटना: 7:29 बजे
रांची: 7:40 बजे
अहमदाबाद: 8:27 बजे
भोपाल: 8.07 बजे
मुंबई: रात 8:36 बजे
बेंगलुरु: रात 8:30 बजे
चेन्नई: रात 8:18 बजे
पुणे: रात 8:56 बजे
रायपुर: 7:43 बजे
चांद के दर्शन करने के बाद महिलाएं छलनी से अपने पति का चेहरा देखकर व्रत तोड़ती हैं।
Karva chauth puja vidhi 2024: करवा चौथ पूजन विधि: कैसे करें पूजा
करवा चौथ की पूजा सूर्योदय के बाद शुरू होती है और महिलाएं शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद इसे समाप्त करती हैं। इस व्रत के लिए सोलह श्रृंगार करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। पूजन के दौरान महिलाएं करवा माता का चित्र दीवार पर बनाती हैं या बाजार से बना हुआ चित्र खरीदकर स्थापित करती हैं। करवा में खील, बताशे और साबुत अनाज जैसे पदार्थ रखे जाते हैं और इसके साथ सुहाग सामग्री भी अर्पित की जाती है।
पूजन के बाद चंद्रमा को जल चढ़ाकर आरती की जाती है। पति की लंबी उम्र की कामना के साथ व्रत कथा सुनना भी महत्वपूर्ण होता है। इस पर्व पर महिलाएं अपने परिवार और समाज के बीच एकजुटता और सहयोग को भी महसूस करती हैं, क्योंकि यह पूजा सामान्यतः समूह में होती है।
Karva chauth puja samagri: पूजा के लिए आवश्यक वस्त्र और सामग्री
करवा चौथ की पूजा को विधिपूर्वक करने के लिए कुछ सामग्री की आवश्यकता होती है। इसमें शामिल हैं:
करवा (मिट्टी का बर्तन)
दीपक (दीया)
छलनी
सिंदूर और चावल
मिठाई और फल
लोटा (पानी का पात्र)
व्रत कथा की पुस्तक
पूजा के दौरान दीपक जलाया जाता है और चंद्रमा को जल अर्पण किया जाता है। पति की लंबी उम्र के लिए की जाने वाली यह पूजा अत्यधिक श्रद्धा और समर्पण से की जाती है।
Karva chauth kahani 2024: करवा माता और सावित्री की कहानियां
करवा चौथ की सबसे प्रसिद्ध कथा देवी करवा की है, जिन्होंने अपने पति को मगरमच्छ से बचाने के लिए अपने सतीत्व की शक्ति का उपयोग किया। उनके साहस और दृढ़ विश्वास के कारण यमराज ने उनके पति को जीवनदान दिया। इस कथा के माध्यम से सुहागिन महिलाएं अपने पति के लिए अटल प्रेम और समर्पण का प्रतीक मानती हैं।
इसके अलावा सावित्री और सत्यवान की कथा भी प्रचलित है, जिसमें सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज से वापस प्राप्त किया। इन दोनों कहानियों में पति-पत्नी के प्रेम और निष्ठा को दर्शाया गया है, और यही कारण है कि करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं इन कथाओं का पाठ करती हैं।
Karva chauth muhurat 2024: करवा चौथ के विशेष मुहूर्त
इस साल, करवा चौथ पर दो विशेष पूजन मुहूर्त होंगे:
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:43 से दोपहर 12:28 तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 1:59 से 2:45 तक
इन मुहूर्तों के दौरान पूजन करना विशेष फलदायी माना जाता है।
करवा चौथ का व्रत भारतीय संस्कृति में पति-पत्नी के बीच प्रेम, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है। यह व्रत न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पति-पत्नी के रिश्ते को और मजबूत करता है। चांद निकलने का समय और पूजा की विधि का सही पालन करते हुए महिलाएं इस व्रत को सफलतापूर्वक संपन्न करती हैं। करवा चौथ का यह पर्व हर साल महिलाओं के लिए एक खास अवसर होता है, जिसमें वे अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं।
यह पर्व सिर्फ पति के लिए ही नहीं, बल्कि संपूर्ण परिवार की खुशहाली और एकता का भी प्रतीक है।