North Korea Warfare Sounds: उत्तर कोरिया ने एक नया सैन्य अभियान शुरू किया है, जो दक्षिण कोरिया के गंगवा द्वीप पर हर रात डरावनी दिल दहला देने वाली आवाज़ों के रूप में सुनाई देता है। ये आवाज़ें, जिनमें गोलियों की तड़तड़ाहट, चीखें, डरावनी शैतानी हंसी और बमों के धमाके शामिल हैं जो स्थानीय दक्षिण कोरियाई निवासियों के लिए भय और मानसिक तनाव का कारण बन चुकी हैं। स्थानीय निवासी कहते हैं कि पहले उन्हें प्राकृतिक शांति सुनाई देती थी, लेकिन अब रात के समय जो आवाजें गूंजती हैं, वे एक हॉरर फिल्म के साउंडट्रैक जैसी लगती हैं।
North Korea military tactics: उत्तर कोरिया का सैन्य दबाव
उत्तर कोरिया ने हाल ही में अपने सैन्य परीक्षणों को और तेज कर दिया है। उसने शक्तिशाली मिसाइलों का परीक्षण किया है और अब दक्षिण कोरिया पर कचरे से भरे गुब्बारों से बमबारी करने जैसे कृत्य भी किए हैं। जुलाई से, उत्तर कोरिया की सीमा पर लाउडस्पीकरों से युद्ध की आवाज़ें लगातार प्रसारित हो रही हैं। गंगवा द्वीप (Ganghwa Island noise attack), जो उत्तर कोरिया से केवल 2 किलोमीटर दूर है, अब एक मानसिक संघर्ष का केंद्र बन चुका है, जहां रात के समय युद्ध की आवाजें गूंजती रहती हैं।
Mental health impact of warfare sounds: विशेषज्ञों का मत
साउंड एक्सपर्ट्स और इतिहासकारों का कहना है कि यह शोर मानसिक यातना देने का एक तरीका है। इस शोर के माध्यम से यातना देना एक सामान्य सैन्य रणनीति है क्योंकि यह शारीरिक निशान नहीं छोड़ता, लेकिन मानसिक रूप से व्यक्ति को कमजोर कर देता है। इन शोरों का स्तर 80 डेसिबल तक पहुंच सकता है, जो नींद में खलल डालने और मानसिक स्थिति को प्रभावित करने के लिए काफी है।
Psychological warfare sounds : स्वास्थ्य पर असर
दक्षिण कोरिया के कई स्थानीय निवासी बताते हैं कि शोर के कारण उन्हे सिरदर्द और आंखों में दर्द जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जबकि बच्चों को नींद में तकलीफ हो रही है। इसके चलते उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है। स्थानीय लोगों ने राजधानी सियोल के सांसदों से मदद की अपील की है और रोते हुए बताया कि वे इस मानसिक पीड़ा से राहत पाने के लिए किसी भी प्रकार की सहायता की उम्मीद करती हैं।
उत्तर कोरिया के शोर का उद्देश्य
विशेषज्ञों के अनुसार, ये शोर दक्षिण कोरिया की जनता को मानसिक रूप से परेशान करने के लिए जानबूझकर प्रसारित किए जा रहे हैं। ये ध्वनियां 70 और 80 के दशक की दक्षिण कोरियाई हॉरर फिल्मों जैसी लगती हैं। इनका उद्देश्य सिर्फ प्रचार नहीं, बल्कि दक्षिण कोरिया के नागरिकों को मानसिक रूप से दबाव में डालना है।
North Korea South Korea tensions: दक्षिण कोरिया की सुरक्षा चिंता
गंगवा द्वीप के निवासियों का कहना है कि दक्षिण कोरियाई सरकार सीमा पर निवासियों की सुरक्षा करने में विफल रही है। सियोल के अधिकारियों को इस शोर को महसूस करने के लिए गंगवा आकर कुछ दिन बिताने चाहिए, ताकि वे इस मानसिक यातना को समझ सकें।
उत्तर कोरिया की यह रणनीति न केवल दक्षिण कोरिया की जनता को मानसिक रूप से परेशान कर रही है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को और भी गहरा कर रही है।