PM Vidyalakshmi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार, 6 नवम्बर को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी गई। यह योजना भारतीय युवाओं के लिए उच्च शिक्षा को सुलभ बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसके तहत छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपनी अकादमिक यात्रा में आ रही वित्तीय रुकावटों को दूर कर सकेंगे।
PM Vidyalakshmi स्कीम का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य हर साल 20 लाख से अधिक छात्रों को लाभ पहुंचाना है, जिससे वे ट्यूशन और अन्य संबंधित खर्चों के लिए बिना किसी संपत्ति या गारंटर के ऋण प्राप्त कर सकेंगे। यह योजना भारत के 860 शीर्ष गुणवत्ता वाले उच्च शैक्षिक संस्थानों (QHEIs) में प्रवेश पाने वाले छात्रों के लिए उपलब्ध होगी, जिनमें राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग ढांचा (NIRF) में शीर्ष 200 में शामिल संस्थान भी शामिल हैं।
PM Vidyalakshmi योजना के मुख्य लाभ
कोलैटरल-मुक्त ऋण: छात्र ट्यूशन और संबंधित खर्चों के लिए पूरी राशि का ऋण बिना कोलैटरल या गारंटर के आवेदन कर सकते हैं।
क्रेडिट गारंटी: 7.5 लाख रूपये तक के ऋण पर सरकार 75% क्रेडिट गारंटी प्रदान करेगी, जिससे बैंकों को छात्रों को ऋण देने में आसानी होगी।
ब्याज पर सब्सिडी: 8 लाख रूपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के छात्रों को 10 लाख रूपये तक के ऋण पर मोरेटोरियम अवधि के दौरान 3% ब्याज की छूट मिलेगी। प्राथमिकता उन छात्रों को दी जाएगी जो सरकारी संस्थानों में तकनीकी या व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययन कर रहे हैं।
योजना के तहत 2024-2031 के बीच 3,600 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है और हर साल सात लाख नए छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
उच्च शिक्षा विभाग छात्रों से आवेदन प्राप्त करने के लिए एक एकीकृत PM-Vidyalaxmi पोर्टल के माध्यम से प्रक्रिया को आसान बनाएगा।