Stock marketing tips : स्टॉक खरीदने का धाकड़ वैज्ञानिक तरीका, शेयर खरीदने से पहले कैसे करें टेक्निकल एनालिसिस

जानें स्टॉक से सम्बंधित जरूरी बातें

Sonia kundu
4 Min Read

Stock marketing tips : बाजार में बिकने वाले हर प्रोडक्ट की तरह शेयर भी सस्ते या महंगे हो सकते हैं । इसलिए शेयर की वैल्यू का अंदाजा होना बहुत महत्वपूर्ण होता है। कई बार देखा जाता है कि मार्केट में कंपनी अच्छा कार्य कर रही होती है और उनकी सालाना रिपोर्ट भी अच्छी आती हैं जिसमें वह लगातार बढ़ोतरी करती हुई पाई जाती हैं किंतु उसके बाद भी उनके शेयर की वैल्यू काफी कम हो सकती है।

 

निफ्टी और सेंसेक्स के ऊपर चढ़ने पर भी शेयर के दामों में बढ़ोतरी नहीं हो रही होती है तो ऐसे शेयरों का हिसाब उनकी टेक्निकल एनालिसिस करके ही किया जा सकता है। किसी शेयर का महंगा या सस्ता होना काफी हद तक उसकी टेक्निकल एनालिसिस पर निर्भर करता है

 

तो आइए जानते हैं कुछ जरूरी तथ्य जिनसे शेयर खरीदते समय नहीं होगी गलतियां

1. प्राइस इनडेक्स :- किसी भी निवेशक को शेयर के प्राइस एक्शन का स्टिक ज्ञान होना बहुत जरूरी होता है। सबसे पहले यह ध्यान रखना होगा कि जो शेयर आप खरीद रहे हैं उसे शेयर की कीमत कितने स्तर तक नीचे आ रही है और उस शेयर का अधिकतम स्तर कितना है । शेयर के न्यूनतम स्तर को सपोर्ट लेवल और अधिकतम स्तर को रेजिस्टेंस लेवल भी कहा जाता है। इससे सपोर्ट लेवल पर शेयर खरीद कर रेजिस्टेंस लेवल पर उसको बेचकर अधिक लाभ कमाया जा सकता है ।

 

2. MA यानि मूविंग एवरेज:-
यह लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट वाले निवेशकों के लिए बहुत लाभदायक होता है। इसकी मदद से शेयर के दाम का ट्रेंड पता चलता है जो ऊपर नीचे आते रहते हैं । जिन शेयरों का MA 180 से ज्यादा होता है सामान्यत उन्हें बढ़ता हुआ स्टॉक मान लिया जाता है । इसलिए लंबी अवधि के निवेशकों को मूविंग एवरेज पर नजर रखनी चाहिए ।

 

Stock marketing tips: Strong scientific method of buying stocks, how to do technical analysis before buying shares
Stock marketing tips: Strong scientific method of buying stocks, technical analysis before buying shares

 

3. RSI यानी रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स किसी शेयर की बाजार में खरीदने और बेचने का एक लेवल वाला मापक होता है ।
यदि RSI 35 या इससे नीचे हो तो यह जरूरत से ज्यादा बिकने वाली को दर्शाता है। इसके दूसरी तरफ RSI 70 या इससे ज्यादा है तो ये अधिक खरीददारी को दर्शाता है । लॉन्ग टर्म में इन्वेस्ट करने वालों को इसका ज्ञान होना बहुत जरूरी है और RSI 30 से कम है तो यह सस्ते भाव में खरीदारी का परफेक्ट टाइम होता है।

 

4. DC यानी डोनचियन चैनल में ग्रीन और रेड लाइनों द्वारा ज्यादा उतार चढ़ाव वाले शेयरों को पहचाना जाता है । ट्रेड चार्ट में किसी शेयर का 20 दिनों का उतर चढ़ाव दर्शाया जाता है ।

 

5. RRG यानी रिलेटिव रोटेशन ग्राफ पर निवेशक ध्यान देंगे तो आगे कमजोर पड़ने वाले शेयर खरीदने से बच सकते हैं । यह ग्राफ निकट भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करने वाले भिन्न भिन्न सेक्टरों को दर्शाता है ।

 

इसके अलावा आपका व्यवहारिक ज्ञान और बाजार की समझ आपको अच्छे शेयर खरीदने में मदद करेगी ।

 

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