Taza Mandi Bhav: आज, 17 अक्टूबर 2024, दिल्ली की लॉरेंस रोड मंडी में चना और मोठ के भाव में वृद्धि देखने को मिली, जबकि मूंग, मसूर और गेहूं के दाम स्थिर रहे। वहीं, सरसों के भाव में गिरावट दर्ज की गई। आइए जानते हैं दिल्ली और अन्य प्रमुख मंडियों के ताजा बाजार भाव और तेजी-मंदी के रुझान।
चना और मोठ में तेजी
दिल्ली मंडी में आज चने के दाम में ₹25 प्रति क्विंटल का उछाल देखा गया। एमपी लाइन का चना ₹7250 से ₹7275 प्रति क्विंटल और जयपुर लाइन का चना ₹7350 से ₹7375 प्रति क्विंटल पर बिका। मंडी में चने की आवक 8-9 मोटर दर्ज की गई।
मोठ की कीमतों में भी अच्छी वृद्धि देखी गई। राजस्थान लाइन के मोठ के दाम ₹5025 से ₹5050 प्रति क्विंटल रहे, जिसमें ₹50 प्रति क्विंटल की तेजी रही।
स्थिर रहे मूंग, मसूर और गेहूं के भाव
मूंग की कीमतें क्वालिटी के अनुसार ₹6850 से ₹7850 प्रति क्विंटल पर स्थिर रहीं। मसूर के भाव ₹6825 प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे। गेहूं के दाम भी स्थिर बने रहे। एमपी, यूपी और राजस्थान लाइन के गेहूं का भाव ₹3040 प्रति क्विंटल रहा, और मंडी में गेहूं की आवक 5000 बोरियों की रही।
सरसों के भाव में गिरावट
दिल्ली मंडी में सरसों के दाम में ₹75 प्रति क्विंटल की गिरावट आई। आज सरसों के दाम ₹6525 से ₹6575 प्रति क्विंटल रहे। जयपुर की कंडीशन सरसों का भाव ₹6650 से ₹6675 प्रति क्विंटल था, जो ₹75 की गिरावट के साथ दर्ज हुआ।
सरसों तेल कच्ची घानी का भाव दिल्ली में ₹13,300 प्रति क्विंटल और एक्सपेलर का भाव ₹13,200 प्रति क्विंटल रहा। खल का भाव ₹2500 प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।
देशभर की प्रमुख मंडियों के सरसों के ताजा भाव
जयपुर में सरसों का भाव ₹6650 से ₹6675 प्रति क्विंटल रहा, जबकि चरखी दादरी में यह ₹6400 से ₹6450 प्रति क्विंटल पर बिका। मथुरा में सरसों का भाव ₹6400 प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।
अन्य मंडियों की बात करें तो शमसाबाद आगरा में सरसों के दाम ₹7500 प्रति क्विंटल, अलवर और कोटा में ₹7400 प्रति क्विंटल और मुरैना में ₹7500 प्रति क्विंटल पर रहे।
कुल आवक
आज राजस्थान में 1,50,000 बोरी, मध्य प्रदेश में 35,000 बोरी, उत्तर प्रदेश में 40,000 बोरी, हरियाणा और पंजाब में 10,000 बोरी, गुजरात में 15,000 बोरी और अन्य क्षेत्रों में 50,000 बोरियों की आवक रही। पूरे देश में कुल 3,00,000 बोरियों की सरसों की आवक दर्ज की गई।
आज दिल्ली और देशभर की प्रमुख मंडियों में चना और मोठ के दामों में तेजी देखने को मिली, जबकि सरसों के दाम में गिरावट रही। अन्य प्रमुख फसलों के भाव स्थिर रहे, जिससे किसानों और व्यापारियों में अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिली।