Vinesh Phogat : कांग्रेस के टिकट पर जुलाना विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनी अंतरराष्ट्रीय पहलवान विनोश फोगाट का उनकी ससुराल गांव बख्ता खेड़ा में सम्मान समारोह किया गया। इस दौरान हालांकि क्षेत्र के अधिकतर कांग्रेस नेता पहुंचे, लेकिन चार नेताओं के कार्यक्रम में नहीं आने से चर्चाएं गर्म हो गईं। हालांकि इनमे से तीन कांग्रेस नेताओं ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर कहा कि वे पार्टी के फैसले के साथ हैं। यदि उनके पास आकर समर्थन मांगा गया तो वे इस पर विचार करेंगे।
जुलाना विधानसभा (Julana Vidhansabha) क्षेत्र में अब तक हुए 13 विधानसभा चुनाव में से चार बार ही कांग्रेस जीती है। इससे पहले 2005 से 2009 में दो बार कांग्रेस के आइजी शेर सिंह कांग्रेस से विधायक बने थे। इसके बाद कांग्रेस जुलाना में जीत दर्ज नहीं कर पाई है। ऐसे में अब विनेश फोगाट पर जुलाना की खोई हुई राजनीतिक जमीन वापस लेने का भी दबाव है।
गौरतलब है कि जुलाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट के (Vinesh Phogat) लिए 86 नेताओं ने आवेदन किया था। इन सभी को अनदेखा कर कांग्रेस ने विनेश फोगाट को उम्मीदवार बनाया है। इससे कांग्रेस के कई नेताओं में नाराजगी है। हालांकि अभी तक किसी भी नेता ने खुल कर विनोश को उम्मीदवार बनाने की बात नहीं कही है। ऐसे में विनेश फोगाट के स्वागत समारोह से नेताओं की दूरी का राजनीतिक अर्थ निकाला जा रहा है।
2005 के बाद से जुलाना मे कांग्रेस की टिकट पर जीत दर्ज नहीं हो पाई है। 2005 में अंतिम बार कांग्रेस से आइजी शेरसिंह विधायक बने थे। इसके बाद लगातार दो बार इनेलो के टिकट पर परमेंद्र ढुल विधायक बने। पिछली बार जुलाना से जजपा के अमरजीत ढांडा विधायक बने। अब परमेंद्र ढुल भी कांग्रेस में हैं। उन्होंने पिछला 2019 का चुनाव भाजपा के (Vinesh Phogat) टिकट पर लड़ा, लेकिन हार गए।
नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ बनाई रणनीति
वहीं सम्मान समारोह के बाद कार्यक्रम में पहुंचे कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ निवेश फोगाट (Vinesh Phogat) )ने चुनावी की रणनीति बनाई। विनोश फोगाट के लिए राजनीति नया क्षेत्र है। जुलाना विधानसभा क्षेत्र काफी फैला हुआ है। विधानसभा क्षेत्र में कुल 72 गांव व जुलाना कस्बा है। ऐसे में जुलाना के हर गांव में पहुंचना काफी बड़ा काम है।
बैठक में नेताओं ने पहले दौरे के लिए गांवों के रूट पर विचार विमर्श किया। इसके अलावा लोकसभा चुनाव में मिले वोटों के अनुसार गांवों को चिह्नित कर जहां कांग्रेस की स्थिति कमजोर रही, वहां अधिक ध्यान देने की योजना बनी।