Gurmail Singh: कैथल जिले के नरड़ गांव का 26 वर्षीय गुरमेल सिंह उर्फ तेली, जो हाल ही में मुंबई में पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में गिरफ्तार हुआ, की कहानी बेहद त्रासद और दिल दहला देने वाली है। 15 साल की उम्र में ही Gurmail Singh के परिवार ने उसे घर से निकाल दिया था। उसका यह जीवन संघर्ष और विवादों से भरा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप वह अब एक हत्या के आरोपी बन चुका है।
Gurmail Singh: घर से बेदखली का कारण
गुरमेल की दादी, फुली देवी, बताती हैं कि जब गुरमेल केवल 10-11 साल का था, तब एक घटना ने उसकी जिंदगी की दिशा बदल दी। उसके पिता बलजीत सिंह जी मांस बेचते थे। एक दिन मांस में छिपकली गिर गई, जिससे गांव में उनके खिलाफ अफवाहें फैल गईं। इसके बाद, गुरमेल ने गांव के बच्चों के साथ झगड़े करने शुरू कर दिए, जिससे परेशान होकर उसके माता-पिता ने उसे 15 साल की उम्र में घर से निकाल दिया।
Gurmail Singh की दादी के अनुसार उसे 11 साल पहले ही परिवार से बेदखल कर दिया था। इसके बावजूद, गुरमेल कभी-कभी घर लौटता रहा, लेकिन उसकी दादी का कहना है कि उसने पिछले कुछ महीनों से कोई संपर्क नहीं किया। गुरमेल सिंह केवल 9वीं कक्षा तक पढ़ा है।
Gurmail Singh: खतरनाक आपराधिक पृष्ठभूमि
गुरमेल के खिलाफ कैथल में हत्या सहित तीन केस दर्ज हैं। 31 मई 2019 को, उसने 12,000 रुपए की सुपारी लेकर गांव के सुनील नाम के युवक की हत्या की थी। वह मुख्य आरोपी था और उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे चार साल से अधिक समय तक जेल में रहना पड़ा। हालांकि, मार्च 2022 में जेल में उसके पास से मोबाइल फोन मिलने पर उसकी स्थिति और भी बिगड़ गई।
गुरमेल ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जमानत की याचिका दायर की, जिसे जुलाई 2023 में मंजूर किया गया। लेकिन जमानत मिलने के बाद वह कोर्ट में पेश नहीं हुआ, जिसके चलते उसकी जमानत सितंबर 2024 में रद्द कर दी गई।
गैंगस्टर लॉरेंस के संपर्क में आना
Gurmail Singh के जेल में रहते हुए गैंगस्टर लॉरेंस के गुर्गों से संपर्क में आने की भी जानकारी मिली है। कहा जाता है कि उसी के कारण वह मुंबई गया, जहां उसके लॉरेंस गैंग से अच्छे संबंध बने। अब वह एक हत्या के मामले में गिरफ्तार है और उसकी जिंदगी एक अनिश्चित भविष्य की ओर बढ़ रही है।
गुरमेल की कहानी इस बात का उदाहरण है कि कैसे बचपन की कठिनाइयों और परिवारिक विवादों का असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ सकता है। यह एक ऐसी कहानी है, जो न केवल समाज के लिए एक चेतावनी है, बल्कि हमारे युवाओं के लिए भी एक सबक है कि वे सही रास्ते का चुनाव करें।