Haryana Firecrackers News: हरियाणा में प्रदूषण की समस्या को देखते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) ने त्योहारों के दौरान ग्रीन पटाखों को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में बोर्ड ने राज्य के सभी उपायुक्तों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विशेषकर NCR के प्रभावित जिलों जैसे फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूह, रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी और अन्य 7 जिलों में सख्त निगरानी बरती जाएगी।
Haryana Firecrackers News: क्या होते हैं ग्रीन पटाखे?
Green Crackers खासतौर पर इस तरह बनाए जाते हैं कि वे पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाएं। इनमें फ्लावर पॉट्स, पेंसिल और स्पार्कल्स का इस्तेमाल होता है, जो अन्य पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं। इन पटाखों के निर्माण में बेरियम साल्ट जैसे हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल नहीं होता, जिससे वायु और ध्वनि प्रदूषण में कमी आती है। हरियाणा में ग्रीन पटाखों के जलाने का समय भी तय किया गया है, जो दीवाली के दिन रात 8 बजे से 10 बजे तक रहेगा।
Haryana Firecrackers News:2024-25 में सख्ती के साथ लागू होगा प्रतिबंध
प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से 22 अक्तूबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक पटाखों पर प्रतिबंध रहेगा। इस अवधि के दौरान सर्दियों में बढ़ते वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। ई-कॉमर्स प्लेटफार्म जैसे फ्लिपकार्ट और अमेजन पर भी पटाखों की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी।
दमकल विभाग भी रहेगा सतर्क
प्रदूषण नियंत्रण के साथ-साथ सुरक्षा उपायों के लिए भी कदम उठाए गए हैं। हरियाणा के अग्निशमन विभाग ने सभी जिलों के अग्निशमन अधिकारियों को पटाखों की दुकानों पर सख्त निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। सभी दुकानों को शहर के बाहरी इलाकों में स्थापित किया जाएगा, और दुकानों के बीच कम से कम तीन मीटर की दूरी होगी। अग्निशमन विभाग ने कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द करने और दमकल गाड़ियों को तैयार रखने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
Haryana Firecrackers News:वायु प्रदूषण पर काबू पाना जरूरी
त्योहारों के दौरान पटाखे फोड़ने से वायु में खतरनाक रसायन, धातु कण और विषाक्त गैसों का उत्सर्जन होता है, जिससे अस्थमा, कैंसर और अन्य श्वास संबंधी रोगों से पीड़ित लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने भी पटाखों के उपयोग पर कई सख्त आदेश दिए हैं, ताकि बढ़ते वायु प्रदूषण पर काबू पाया जा सके।
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के इन आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने सभी जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जिससे इस दिवाली राज्य में प्रदूषण और दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।