Jind hssc cet jobs : हरियाणा के जींद जिले के उचाना हल्के के घोघड़ियां गांव में खुशी का माहौल है। हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) द्वारा आयोजित CET परीक्षा के परिणामों ने इस गांव को चर्चा का विषय बना दिया है। इस परीक्षा में गांव के 27 होनहार युवाओं ने सफलता प्राप्त कर सरकारी नौकरियों में जगह बनाई है।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद पूरे गांव में जश्न का माहौल है और लोगों ने मिठाई बांटकर अपनी खुशी जाहिर की। इसके अलावा जीन्द के उचाना कलां में 32,कालवा गांव में 25,खरल में 6 और दुर्जनपुर गांव में 15 बच्चे सरकारी नौकरी लगे हैं ।
Hssc cet jobs maximum in jind : Ghogrian गांव की ऐतिहासिक उपलब्धि
उचाना हल्के का घोघड़ियां गांव हमेशा से ही राजनीति और सामाजिक सरोकारों में सक्रिय रहा है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भी इस गांव के वीरेंद्र घोघड़ियां ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में शानदार प्रदर्शन करते हुए 32,000 से अधिक वोट हासिल किए थे।
हालांकि, वे तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन इस गांव का राजनीतिक महत्व हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। अब, CET परीक्षा में मिली इस अद्भुत सफलता ने घोघड़ियां गांव को एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है।
Ghogrian gaav के बच्चों और पदों की सूची
घोघड़ियां गांव के जिन 27 बच्चों ने विभिन्न सरकारी पदों पर नौकरी पाई है। इसमें गांव के 2 भाई दीपक और रोहित दोनों ग्राम सचिव लगे हैं ।
कुछ प्रमुख नाम और उनके पद इस प्रकार हैं:
अमित उर्फ काली – हरियाणा पुलिस कांस्टेबल
प्रदीप उर्फ गौरव – पुलिस कांस्टेबल
रजत – पुलिस कांस्टेबल
अमित -पुलिस कांस्टेबल
सहदेव -पुलिस कांस्टेबल
संजय-पुलिस कांस्टेबल
सौरभ-पुलिस कांस्टेबल
अंकित-पुलिस कांस्टेबल
अंकुश-पुलिस कांस्टेबल
रोहित-ग्राम सचिव
दीपक – ग्राम सचिव
अशोक – ग्राम सचिव
दर्शन लाल – ग्राम सचिव
सुमित – क्लर्क
राहुल – क्लर्क
सागर – क्लर्क
रोहित- क्लर्क
आशु – पटवारी
मीनू – फील्ड असिस्टेंट
विजय – ऑडिटर
ज्योति – पटवारी
मोनिका – केमिस्ट ( फूड एंड ड्रग)
गांव में जश्न का माहौल
रिजल्ट आने के बाद से गांव में जश्न का माहौल है। पूरे गांव ने इस सफलता को मनाने के लिए रातभर पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटी। परिवार वालों ने बताया कि बच्चे लंबे समय से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। पढ़ाई के साथ-साथ कुछ बच्चे अपने परिवारों के काम में भी हाथ बंटाते थे। उनकी कड़ी मेहनत ने आज पूरे गांव का नाम रोशन किया है।
घोघड़ियां गांव के इन होनहार बच्चों की सफलता न केवल उनके परिवारों के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह पूरे गांव के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। सरकारी नौकरियों में मिली इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत, लगन और सही दिशा में की गई तैयारी कभी व्यर्थ नहीं जाती। यह सफलता उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे हैं।
Ghogrian village : गांव के युवाओं की कड़ी मेहनत और सफलता
गांव के ये 27 बच्चे, जो विभिन्न पदों जैसे ऑडिटर, फूड सप्लाई इंस्पेक्टर, ग्राम सचिव, क्लर्क, फील्ड असिस्टेंट, पटवारी और कांस्टेबल जैसे महत्वपूर्ण पदों पर सरकारी नौकरी लगे हैं। उन्होंने इस सफलता के लिए वर्षों तक कठिन परिश्रम किया। ये युवा दिन में शहरों में जाकर पढ़ाई करते थे और रात में गांव की लाइब्रेरी में अध्ययन करते थे।
गांव में परिवहन की व्यवस्था सुचारू न होने के कारण उन्हें उचाना और जींद आने – जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी मेहनत और जज्बे के आगे सारी कठिनाइयां हार मान गईं।
गांव के ज्यादातर बच्चे सामान्य गरीब परिवारों से आते हैं। बावजूद इसके, उनके परिवारों ने उनकी पढ़ाई और तैयारी के लिए हर संभव मदद की। बच्चों ने गांव की ही प्राइवेट लाइब्रेरी में हर महीने 600-700 रुपये देकर पढ़ाई की और कोचिंग फीस का भी प्रबंध किया। कई बच्चों के लिए यह खर्चा बहुत भारी था, लेकिन उनके घरवालों को पूरी उम्मीद थी कि एक दिन उनके बच्चे जरूर सफल होंगे।
बिना पर्ची-खर्ची की सरकारी नौकरियां
गांव में मिली इस सफलता के बाद, सभी ने नई सरकार की प्रशंसा की और सरकार द्वारा किए गए बिना पर्ची-खर्ची के वादे को सराहा। गांव के लोग इस बात से बहुत खुश हैं कि उनके बच्चे बिना किसी अनुचित साधन का उपयोग किए, अपनी मेहनत के बल पर सरकारी नौकरियों में चयनित हुए हैं।
गांव के प्रदीप बुरा, मास्टर प्रवीण, प्रदीप,अनूप बालाजी आदि ग्रामीणों ने बताया कि यह बच्चों की कड़ी मेहनत और सरकार की पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया का परिणाम है कि आज एक साथ इतने बच्चे सरकारी नौकरी प्राप्त कर चुके हैं। गांव के लोगों का मानना है कि यह उनके बच्चों की लगन और सरकार की सही नीति का नतीजा है।
गांव की बेटियों का भी शानदार प्रदर्शन
इस सफलता की सूची में गांव की बेटियों ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। गांव की बेटी ज्योति पटवारी के पद पर नियुक्त हुई हैं, जबकि मोनिका, जो रमेश की पुत्रवधु हैं, ने फूड एंड ड्रग विभाग में केमिस्ट का पद हासिल किया है। इनकी सफलता ने गांव के अन्य परिवारों के लिए भी प्रेरणा का काम किया है।