Rojgar With Ankit Bhati Success Story: गांव का बेटा बना डिजिटल एजुकेशन गुरु: अंकित भाटी की अनोखी यात्रा,1.35 करोड़ छात्रों के साथ बदल रहे ग्रामीण शिक्षा की तस्वीर

Rojgar With Ankit Bhati Success Story: गांव के एक साधारण लड़के से लेकर लाखों छात्रों के डिजिटल गुरु बनने तक का सफर कभी आसान नहीं रहा। अंकित भाटी, जिन्होंने 2009 में महज 18 साल की उम्र में अपने पिता की प्रेरणा से पढ़ाना शुरू किया, Rojgar With Ankit Bhati YouTube चैनल के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवा रहे हैं। 1.4 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स के साथ, उनका चैनल डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल बन गया है। आइए जानते हैं उनकी इस प्रेरक यात्रा के बारे में:

2009 से 2018 तक हजारों बच्चों की मदद

Rojgar With Ankit Bhati Success Story: अंकित के पिता स्वयं शिक्षक थे और बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करते थे। 2009 में उनके पिता ने अंकित को भी बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया। पहले ही दिन जब अंकित ने कक्षा में कदम रखा, तो तालियों की गूंज ने उनका आत्मविश्वास बढ़ा दिया। 2009 से 2018 तक करीब 7-8 हजार बच्चों को पढ़ाने के बाद, इनमें से 1,700 से अधिक छात्रों को सरकारी नौकरियां मिलीं।

नौकरी के साथ ऑनलाइन क्लासेज की शुरुआत

Rojgar With Ankit Bhati Success Story: विदेश मंत्रालय में नौकरी के साथ समय की कमी के चलते अंकित ने रिकॉर्डेड वीडियो के जरिए पढ़ाना शुरू किया। 7 जनवरी, 2018 को उन्होंने पहला यूट्यूब वीडियो अपलोड किया। शुरुआती वीडियो को 1,000 व्यूज मिलने पर उन्हें जबरदस्त खुशी मिली। फिर रात को ऑफिस से लौटने के बाद वीडियो बनाने का सिलसिला जारी रहा। पिताजी ने भी अंकित के प्रयासों को सराहा और परिवार का समर्थन भी उन्हें मिला।

सरकारी नौकरी छोड़ने का कठिन निर्णय

Rojgar With Ankit Bhati Success Story: 2012 में दिल्ली में विदेश मंत्रालय की नौकरी लगने के बावजूद अंकित ने अपने जुनून को कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने एक समय बाद फैसला लिया कि अब बच्चों को पढ़ाने के लिए नौकरी छोड़ देंगे। परिवार की सहमति और पत्नी की सरकारी नौकरी के समर्थन ने उन्हें यह निर्णय लेने का साहस दिया।

डिजिटल शिक्षा का नया दौर: टीम और लाखों बच्चों तक पहुंच

Rojgar With Ankit Bhati Success Story: 15 अगस्त, 2020 को अंकित ने टीम के साथ काम करना शुरू किया। एक ‘आजाद’ बैच शुरू किया जिसमें 25,000 बच्चों ने हिस्सा लिया। इसके बाद अंकित ने कई फ्री बैच भी दिए, और धीरे-धीरे उनके चैनल ने ग्रामीण बच्चों में शिक्षा की अलख जगाई। आज उनके पास 75 शिक्षकों सहित 300 लोगों की एक मजबूत टीम है जो 17 स्टूडियो में हर रोज 205 लेक्चर्स रिकॉर्ड करती है।

करोड़ों बच्चों का सहारा बने अंकित भाटी

80% ग्रामीण छात्रों के लिए अंकित का यह डिजिटल प्लेटफॉर्म शिक्षा की नई राहें खोल रहा है। केवल 500-1,000 रुपये की फीस में ये कोर्सेज बच्चों तक पहुंचाए जाते हैं, ताकि शिक्षा का लाभ सबसे निचले स्तर तक पहुंच सके। आज उनका यूट्यूब चैनल देशभर के लाखों छात्रों को रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने में सहायक है।

अंकित भाटी की कहानी एक मिसाल है कि किस तरह जुनून और मेहनत से सपनों को हकीकत में बदला जा सकता है।

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