Railway Blue Coach Disabling: भारतीय रेलवे ने अपने ट्रेनों के कोचों में एक महत्वपूर्ण बदलाव का ऐलान किया है। आने वाले समय में यात्रियों को नीले रंग के कोच दिखाई नहीं देंगे, क्योंकि रेलवे ने पुराने ICF (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री) कोचों को हटाकर नए और तकनीकी रूप से उन्नत LHB (लिंक हॉफमेन बुश) कोचों में बदलने का निर्णय लिया है।
Railway Blue Coach Disabling:नीले और लाल कोचों में अंतर
भारतीय रेलवे में वर्तमान में दो प्रकार के कोच चल रहे हैं: नीले रंग के आईसीएफ और लाल रंग के एलएचबी। जहाँ आईसीएफ कोच पुरानी तकनीक पर आधारित हैं, वहीं एलएचबी कोच नई तकनीक से बने हैं। आईसीएफ कोच भारी स्टील से बने होते हैं, जिसमें एयर ब्रेक का प्रयोग होता है और उनकी यात्रियों की क्षमता भी कम होती है। दूसरी ओर, एलएचबी कोच स्टेनलेस स्टील से हल्के होते हैं, जिसमें डिस्क ब्रेक का प्रयोग किया जाता है और ये अधिकतम 200 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकते हैं।
Railway Blue Coach Disabling: बदलाव की योजना
भारतीय रेलवे ने मार्च 2024 तक लगभग 2000 नए एलएचबी कोच बनाने की योजना बनाई थी। इन कोचों में से प्रत्येक मेल और एक्सप्रेस ट्रेन में चार-चार कोच लगाए जाएंगे, जिससे कुल 1300 कोच ट्रेनों में शामिल करना शामिल है। रेलवे ने 2026-27 तक सभी नीले कोचों को बदलने का लक्ष्य रखा है।
सुरक्षा और दक्षता में सुधार
नए LHB यानी लाल कोचों में यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखा गया है। दुर्घटना के समय, आईसीएफ कोचों के डिब्बे एक-दूसरे के ऊपर चढ़ जाते हैं, जबकि एलएचबी लाल कोच इस समस्या से मुक्त हैं। इसके अलावा, इनका रखरखाव भी कम खर्चीला है, जिससे रेलवे को आर्थिक रूप से लाभ होगा।
इस निर्णय के साथ, भारतीय रेलवे का उद्देश्य न केवल यात्रा की गुणवत्ता को बढ़ाना है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा में भी सुधार करना है। नए कोचों के साथ, यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलने की उम्मीद है। रेलवे के इस कदम से निश्चित रूप से ट्रेनों की परिचालन क्षमता और सुरक्षा मानक में सुधार होगा।