जींद जिले में एक्यूआइ 300 के पार पहुंच रहा है। जिले में (Most Polluted city) शुक्रवार को पीएम 2.5 अधिकतम 356 व औसतन 298 रहा सुबह-शाम स्माग छाया रहता है, जिससे लोगों की आंखों में जलन हो रही है। बढ़ते प्रदूषण के चलते एनसीआर(NCR) में शामिल जींद में ग्रैप-2 (Grap-2) लागू हो चुका है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्पेशल टीम शहर में निर्माण साइट, औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण कर रही है।
नियमों का पालन नहीं करने पर आठ निर्माण साइट को नोटिस जारी किया गया है। अगर इसके बावजूद नियमों के अनुसार निर्माण साइट पर प्रदूषण फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पांच हजार वर्ग मीटर से बड़ी ये साइट हैं। जो आनलाइन डस्ट पोर्टल पर प्रदूषण नियंत्रण (Pollution control board)को लेकर उनकी तरफ से किए जा रहे कार्यों की रिपोर्ट नहीं भेज रहे हैं।
निर्माण साइट पर पानी के छिड़काव व निर्माण सामग्री के ढके होने का सबूत पोर्टल पर भेजने होते हैं। वहीं सेल्फ आडिट रिपोर्ट भी नहीं दी। जोकि नियमानुसार जरूरी है। वहीं ग्रैप-2 के चलते जिले में 19 केवीए से ऊपर क्षमता वाले जनरेटर ड्यूल फ्यूल किट लगाकर या रेट्रो फिटेड एकइसन कंट्रोल डिवाइस लगाकर ही चला सकते हैं।
इसके बगैर जनरेटर नहीं चला सकते। शहर में दुकानों व बड़े प्रतिष्ठानों पर 19 केवीए से ज्यादा क्षमता के जनरेटर नियमों का पालन किए बगैर ही चलाए जा रहे हैं।
स्पेशल टीम ने निरीक्षण के दौरान तीन जनरेटर को सील करवाया है, जो नियमों की अनदेखी कर चल रहे थे और प्रदूषण फैला रहे थे। वहीं एक औद्योगिक को भी बंद करने के आदेश जारी हुए हैं। इस औद्योगिक इकाई संचालक के पास हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति नहीं है।
Most Polluted city : 500 वर्ग मीटर से बड़ी निर्माण साइट का डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी
जो निर्माण साइट पांच हजार वर्ग मीटर से बड़ी है। उनके पास एंटी स्माेग गन होना जरूरी है। जिले में फिलहाल ऐसी 11 निर्माण साइट पर काम चल रहा है। इन सभी के पास एंटी स्माग गन है। वहीं नगर परिषद व नगरपालिका क्षेत्र में जो निर्माण साइट 500 वर्ग मीटर से ऊपर है, उसका डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। निर्माण साइट पर रखी सामग्री ढकी होनी चाहिए, वाहन में निर्माण सामग्री ढक कर लानी होगी। इसके अलावा डस्ट ब्रेकिंग वाल होना जरूरी है।
जींद नप के पास एंटी स्माेग गन नहीं, मांगा फंड (Jind polluted city has not anti smog gun)
देश ही नहीं, दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो चुके जींद शहर में प्रशासन के पास एक भी एंटी स्माेग गन नहीं है। मुख्य मार्गों से धूल उड़ने से रोकने के लिए टैंकर से पानी का छिड़काव करवाया जा रहा है।
एंटी-स्माेग गन वायुमंडल में बारीक नेबुलाइज्ड पानी की बूंदें फेंकती है, जिससे सबसे छोटी धूल और प्रदूषित कण अवशोषित हो जाएं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का जिला मुख्यालयों पर प्रदूषण को कम करने पर है। इसके लिए एंटी स्माेग गन खरीदने के लिए नगर परिषद को फंड भी दिया जाता है। जींद शहर में चार एंटी स्मोग गन खरीदी जाएंगी। जिसके लिए नगर परिषद ने फंड मांगा हुआ है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठा रहे जरूरी कदम : क्षेत्रीय अधिकारी
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अश्विनी कुमार ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। केंद्र से स्पेशल टीम जिले में निरीक्षण कर रही है। नियमों का पालन नहीं करने पर आठ पंजीकृत साइट को नोटिस भेजा गया है और तीन जनरेटर सील किए गए हैं। एक औद्योगिक इकाई को भी बंद करने के आदेश आए हैं। इस औद्योगिक इकाई के पास प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति नहीं है।