Viral News: मछली पकड़ने वाले जाल में कैसे फंसी परमाणु पनडुब्बी? नॉर्वे में मचा हड़कंप, 7800 टन वजनी USS वर्जीनिया ने मचाया कोहराम

Anita Khatkar
4 Min Read

Viral News: क्या आपने कभी सोचा है कि मछली पकड़ने वाले जाल में कोई परमाणु पनडुब्बी भी फंस सकती है? नॉर्वे में हाल ही में ऐसा ही हुआ, जिससे दुनिया भर में हड़कंप मच गया। दरअसल, अमेरिकी नेवी की एक घातक परमाणु पनडुब्बी USS वर्जीनिया नॉर्वे के समुद्र में मछुआरों के जाल में फंस गई, और यह घटना वैश्विक सुरक्षा में एक बड़ा सवाल खड़ा कर गई।

मछली के बजाय फंसी परमाणु पनडुब्बी

नॉर्वे के ट्रोम्सो क्षेत्र में कुछ मछुआरे अपनी नाव पर मछली पकड़ने निकले थे। वे बड़ी मछलियों की तलाश कर रहे थे और इसके लिए अपने जाल को पानी में डाला। पहले तो उन्होंने एक 1500 पाउंड वज़नी हैलीबट मछली पकड़ी, लेकिन फिर उन्होंने जाल को दोबारा पानी में डाला, उम्मीद थी कि और मछलियाँ पकड़ पाएंगे। मगर इस बार जाल में कुछ और ही फंस गया- एक विशाल परमाणु पनडुब्बी!

USS वर्जीनिया, जो 115 मीटर लंबी और 7800 टन वज़न वाली अमेरिकी नेवी की परमाणु पनडुब्बी है, अचानक मछुआरों के जाल में फंस गई। यह न सिर्फ मछुआरों के लिए एक चौंकाने वाला अनुभव था, बल्कि समुद्र में यह घटना अमेरिका और नॉर्वे के सुरक्षा अधिकारियों के लिए भी चिंता का कारण बन गई।

जाल और नाव हुईं बुरी तरह से क्षतिग्रस्त

USS वर्जीनिया की प्रोपेलर धारा जाल में फंस गई थी और पनडुब्बी ने मछुआरों की नाव को करीब दो मील तक घसीट लिया। जैसे ही मछुआरों ने महसूस किया कि उनके जाल में कुछ अजीब फंसा है, वे चौंक गए और तुंरत नॉर्वे के कोस्टगार्ड से मदद मांगी। रेडियो संदेश द्वारा यह जानकारी दी गई कि जाल में पनडुब्बी का प्रोपेलर फंसा हुआ है।

मछुआरों के लिए यह एक बड़ा नुकसान था, क्योंकि उनका जाल पूरी तरह से पनडुब्बी के प्रोपेलर में समा गया था और इसे काटने में भी काफी समय लगा। इस घटना ने यह साफ कर दिया कि मछली पकड़ने की प्रक्रिया कभी भी जोखिमपूर्ण हो सकती है, खासकर जब समुद्र में सैन्य पनडुब्बियां भी मौजूद हों।

Viral News: मछली पकड़ने वाले जाल में कैसे फंसी परमाणु पनडुब्बी? नॉर्वे में मचा हड़कंप, 7800 टन वजनी USS वर्जीनिया ने मचाया कोहराम
Viral News: मछली पकड़ने वाले जाल में कैसे फंसी परमाणु पनडुब्बी? नॉर्वे में मचा हड़कंप, 7800 टन वजनी USS वर्जीनिया ने मचाया कोहराम

अमेरिकी दूतावास ने पुष्टि की

इस घटना के बाद, ओस्लो में अमेरिकी दूतावास ने पुष्टि की कि उस समय अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी USS वर्जीनिया नॉर्वे के समुद्र तट के पास थी। यह एक चौंकाने वाला संयोग था, क्योंकि इस प्रकार की घटनाएँ पहले भी हुई हैं, जैसे 1999 में ब्रिटिश पनडुब्बी का मछली पकड़ने वाले जहाज में फंसना।

क्या है इस घटना का बड़ा संदेश?

इस घटनाक्रम से यह सवाल उठता है कि क्या समुद्र में सैन्य पनडुब्बियों और मछुआरों के बीच इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियम और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है। हालांकि, यह एक दुर्लभ घटना थी, लेकिन यह मछली पकड़ने के कार्य को भी खतरे में डाल सकती है, खासकर यदि समुद्र में सैन्य गतिविधियाँ जारी रहती हैं।

इस हैरान कर देने वाली घटना ने मछुआरों के साथ-साथ वैश्विक सुरक्षा अधिकारियों को भी जागरूक कर दिया है, कि समुद्र की गहराइयों में अब केवल मछलियाँ नहीं, बल्किc भी अपना रास्ता बना चुकी हैं।

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