Casual Leave Rules Haryana : चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने 2016 में जारी सिविल सेवाएं (अवकाश) नियमों के तहत सरकारी कर्मचारियों के लिए कैजुअल लीव से जुड़े नियम तय किए हैं। कैजुअल लीव का उद्देश्य कर्मचारियों को छोटी अवधि के लिए अप्रत्याशित और विशेष अनुपस्थितियों की सुविधा प्रदान करना है। इसे नियमित अवकाश नहीं माना जाता और इस दौरान कर्मचारी की सैलरी भी प्रभावित नहीं होती।
Casual Leave Rules Haryana: कैजुअल लीव के प्रावधान
कैजुअल लीव एक अस्थायी अवकाश है, जो अनपेक्षित कारणों या विशेष आवश्यकताओं के तहत स्वीकृत किया जाता है। इसे आधे वेतन या बिना वेतन पर स्वीकृत नहीं किया जा सकता। इस अवकाश के दौरान कर्मचारी ड्यूटी पर अनुपस्थित नहीं माने जाते।
कैजुअल लीव स्वीकृत करने वाला अधिकारी
1. हेड ऑफ ऑफिस:
अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के लिए पूरी स्वीकृति का अधिकार। अपनी स्वयं की कैजुअल लीव उच्च अधिकारी से स्वीकृत करानी होगी।
2. हेड ऑफ डिपार्टमेंट (मुख्यालय पर):
चार दिन तक के अवकाश की स्वीकृति का अधिकार। अपनी लीव की स्वीकृति हेड ऑफ ऑफिस द्वारा की जाएगी।
3. फील्ड ऑफिस के अधिकारी:
अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के लिए चार दिन तक की लीव स्वीकृत कर सकते हैं। स्वीकृति का अधिकार हेड ऑफ ऑफिस को पुनः सौंपा जा सकता है।
नियुक्ति के पहले वर्ष में Casual Leave Rules
सरकारी सेवा में भर्ती के वर्ष के अनुसार कैजुअल लीव की पात्रता इस प्रकार है:
30 जून से पहले सेवा जॉइन करने पर:
पुरुष: 10 दिन
महिला: 20 दिन
30 जून और 30 सितंबर के बीच सेवा जॉइन करने पर:
पुरुष: 5 दिन
महिला: 10 दिन
30 सितंबर के बाद सेवा जॉइन करने पर:
पुरुष: 2 दिन
महिला: 5 दिन
30 नवंबर के बाद सेवा जॉइन करने पर:
पुरुष: 1 दिन
महिला: 2 दिन
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सेवा छोड़ने के अंतिम वर्ष में Casual Leave Rules
1. 1 जुलाई से पहले सेवा छोड़ने पर:
कैलेंडर वर्ष में आधी कैजुअल लीव मिलेंगी।
2. 1 जुलाई या उसके बाद सेवा छोड़ने पर:
कैलेंडर वर्ष की पूरी कैजुअल लीव दी जाएगी।
हरियाणा सरकार के इन नियमों का उद्देश्य कर्मचारियों को समय पर उचित अवकाश प्रदान करना है ताकि वे अपने कार्य-जीवन संतुलन को बनाए रख सकें।