Urea Fertilizer In Rabi Crops: देश में रबी फसलों की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है। खासकर गेहूं, चना और मसूर जैसी फसलों की बुवाई नवंबर के शुरुआत में ही हो गई थी। अब फसल की बेहतर वृद्धि और अधिक उत्पादन के लिए उर्वरकों का सही समय पर छिड़काव करना बेहद जरूरी है। कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों ने इस विषय में किसानों को उपयोगी सुझाव दिए हैं।
गेहूं की फसल में यूरिया का छिड़काव कब करें?
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार अधिक पैदावार के लिए गेहूं की फसल में 2 से 3 बार यूरिया या नैनो यूरिया का छिड़काव करना चाहिए।
यूरिया छिड़काव के चरण
1. पहला छिड़काव: बुवाई के 20-22 दिन बाद, जब फसल को पहली सिंचाई दी जाए।
2. दूसरा छिड़काव: बुवाई के 40 दिन बाद, दूसरी सिंचाई के समय।
3. तीसरा छिड़काव: बुवाई के 60 दिन बाद, तीसरी सिंचाई के साथ।
इन चरणों में छिड़काव करने से फसल को पर्याप्त नाइट्रोजन मिलती है, जिससे पैदावार बेहतर होती है।
नैनो यूरिया: आधुनिक और किफायती समाधान
कृषि वैज्ञानिकों ने यूरिया की उपलब्धता में कमी होने पर नैनो यूरिया का उपयोग करने की सलाह दी। यह सरकार द्वारा किसानों के लिए एक आधुनिक विकल्प है।
नैनो यूरिया का छिड़काव कैसे करें?
1. पहला छिड़काव: बुवाई के 35-40 दिन बाद, इसे स्प्रे पंप या ड्रोन से छिड़काव करें।
2. दूसरा छिड़काव: बुवाई के 60 दिन बाद, फसल की मजबूती और बेहतर विकास के लिए।
नैनो यूरिया फसल को आवश्यक पोषण प्रदान करता है और उत्पादन बढ़ाने में सहायक है।
सही समय पर उर्वरकों का छिड़काव क्यों जरूरी है?
उर्वरकों का सही समय पर उपयोग फसल की जड़ों और पत्तियों को आवश्यक पोषण प्रदान करता है।नाइट्रोजन की संतुलित मात्रा गेहूं की ग्रोथ में सुधार करती है और उत्पादन बढ़ाती है। हर सिंचाई के समय उर्वरकों का छिड़काव फसल की गुणवत्ता और पैदावार को सुनिश्चित करता है।
किसानों के लिए सुझाव
फसल की आवश्यकता के अनुसार पानी और उर्वरकों का संतुलित उपयोग करें। नैनो यूरिया का प्रयोग आधुनिक और किफायती समाधान है, जो उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है। अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि केंद्र पर संपर्क करें।