Bangladesh: बांग्लादेश ने मंगलवार को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को विदेश मंत्रालय में तलब किया। यह कदम अगरतला स्थित बांग्लादेश सहायक उच्चायोग के बाहर हुई तोड़फोड़ और हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के बाद उठाया गया है।
घटना का मुख्य बिंदु:
1. उच्चायुक्त से पूछताछ:
बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किए जाने की पुष्टि की। विदेश मंत्रालय में कार्यवाहक विदेश सचिव रियाज हमीदुल्लाह ने भारतीय दूत को संबोधित किया।
2. अगरतला घटना और गिरफ्तारियां:
बांग्लादेश सहायक उच्चायोग परिसर में प्रदर्शनकारियों द्वारा सुरक्षा बैरिकेड तोड़ने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और बांग्लादेशी ध्वज को हटाने की घटनाएं सामने आईं।
त्रिपुरा पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया और तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया।
3. वीजा और काउंसलर सेवाएं निलंबित:
बांग्लादेश मिशन के प्रथम सचिव एमडी अल-अमीन ने कहा कि अगरतला स्थित बांग्लादेश सहायक उच्चायोग में वीजा और काउंसलर सेवाएं अगले आदेश तक निलंबित रहेंगी।
भारत का कड़ा रुख
भारत सरकार ने वाणिज्य दूतावास परिसरों पर हमले की निंदा की और बांग्लादेशी मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वाणिज्य दूतावास संपत्तियों को निशाना बनाना किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
सुरक्षा उपाय:
अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायोग के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। चौबीसों घंटे गश्त और अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में 3 पुलिस कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की जा रही है।
Bangladesh मामले की पृष्ठभूमि:
5 अगस्त को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत दौरे के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा। हालिया विवाद हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और इसके खिलाफ बांग्लादेश में प्रदर्शन से जुड़ा है।
यह घटनाक्रम भारत-बांग्लादेश संबंधों पर असर डाल सकता है। दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर उच्च-स्तरीय बातचीत की उम्मीद है।