Success Story: हरियाणा के गांव की महिला ने खड़ा किया करोड़ों का कारोबार, जानिए रेणु सांगवान की सफलता की कहानी

Sonia kundu
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Success Story: हरियाणा के झज्जर जिले के छोटे से गांव खरमाण की रहने वाली रेणु सांगवान ने अपने संघर्ष और मेहनत से जो मुकाम हासिल किया है, वह आज कई लोगों के लिए प्रेरणा बन चुका है। देसी गायों के पालन-पोषण से शुरू हुआ उनका सफर अब 3 करोड़ रुपये सालाना के कारोबार में बदल चुका है। उनकी इस उपलब्धि के कारण उन्हें 2024 के राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। आइए जानते हैं रेणु सांगवान की शानदार सफलता की कहानी।

success story of renu sangwan in dairy product business
success story of renu sangwan in dairy product business

 

2017 में शुरू हुआ सफर

रेणु सांगवान का यह सफर साल 2017 में तब शुरू हुआ, जब उन्होंने अपने बेटे डॉ. विनय सांगवान के साथ से 9 गायों के पालन-पोषण का फैसला किया। यह शुरुआत छोटी जरूर थी, लेकिन रेणु के दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत ने इसे करोड़ों के कारोबार में बदल दिया। आज 2025 के साल में उनके गोकुल फार्म श्रीकृष्ण गोधाम में 280 से ज्यादा गायें हैं। इन गायों में साहीवाल, गिर, राठी और थारपारकर जैसी उच्च गुणवत्ता वाली देसी नस्लें शामिल हैं। इन गायों के दूध और अन्य डेयरी प्रोडक्ट देश-विदेश तक पहुंचकर रेणु सांगवान की सफलता का डंका बजा रहे हैं।

 

डेयरी प्रोडक्ट से कमाई करोड़ों में

रेणु सांगवान ने अपने गोकुल फार्म श्रीकृष्ण गोधाम में सिर्फ दूध उत्पादन ही नहीं बल्कि घी, पनीर, बर्फी और च्यवनप्राश जैसे प्रोडक्ट की भी बिक्री शुरू की। उनके फार्म से ये हाई क्वालिटी ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स आज भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों तक मशहूर हो चुके हैं। उनके प्रोडक्ट्स की शुद्धता और गुणवत्ता की लोकप्रियता के कारण बाजार में उन्होंने एक अलग पहचान बनाई है।

बेटे विनय सांगवान का साथ

इस व्यवसाय में रेणु सांगवान के साथ उनके बेटे डॉ. विनय सांगवान भी पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने आधुनिक तकनीकों और बेहतर मैनेजमैंट से कारोबार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई है।

 

गायों की नस्ल सुधारने में भी योगदान

रेणु सांगवान और उनके बेटे विनय सांगवान फार्म में बैलों के वीर्य उत्पादन और बिक्री का भी काम करते हैं। इससे उच्च गुणवत्ता वाले नस्ल सुधार कार्यक्रमों को बढ़ावा मिल रहा है, जिससे देशभर के किसान लाभान्वित हो रहे हैं। उनका यह योगदान भारतीय पशुपालन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है।

राष्ट्रीय स्तर पर मिली पहचान

रेणु सांगवान की मेहनत और उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों के कारण उन्हें 2024 के राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार भारत सरकार द्वारा उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने पशुपालन और दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में बेहतरीन कार्य किया हो।

प्रेरणा बनी रेणु सांगवान

रेणु सांगवान की कहानी यह साबित करती है कि अगर मेहनत, समर्पण और सही रणनीति के साथ कोई भी कार्य किया जाए, तो सफलता जरूर मिलती है। उनका यह सफर देशभर के किसानों, पशुपालकों और महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो अपने दम पर कुछ बड़ा करने की ख्वाहिश रखते हैं।

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