Narwana news : जींद जिले के नरवाना क्षेत्र के 14 शिक्षकों द्वारा 14 साल पहले गठित मानव मित्र मंडल नारी शिक्षा व सशक्तिकरण के लिए प्रशंसनीय कार्य कर क्षेत्र के लिए मिसाल साबित हो रहा है।
बेटियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बाहर न जाना पड़े, इसलिए सदस्यों ने एक योजना बनाई और नरवाना में ही निश्शुल्क कोचिंग, मार्गदर्शन व छात्रवृत्तियों का सिलसिला शुरू किया गया। महिलाओं के लिए नेट, एचटेट, सीटेट, एनटीएसई व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की निश्शुल्क कोचिंग कक्षाएं आरंभ की गई, जहां पुस्तकें व अन्य सहायक सामग्री की व्यवस्था भी निश्शुल्क रखी गई।
संस्था के उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए क्षेत्र के लगभग 40 शिक्षक अपनी निस्वार्थ सेवाएं देने के लिए मुहिम से जुड़ गए। मेहनत रंग लाई और देखते ही देखते थोड़े समय में ही संस्था से कोचिंग प्राप्त महिलाओं के परीक्षा परिणामों ने तहलका मचा दिया। परिणामस्वरूप, अब तक लगभग 50 महिलाएं नेट, 500 एचटेट, सीटेट उत्तीर्ण कर चुकी हैं। जहां संस्था से शिक्षित 15 छात्राएं जेआरएफ उत्तीर्ण कर पीएचडी कर चुकी हैं।
बावजूद इसके, इन सबमें से लगभग 100 महिलाएं सरकारी क्षेत्र में व 250 निजी क्षेत्र में अध्यापन कर रही हैं। वर्तमान में भी 50 छात्राएं एचटेट परीक्षा के लिए तैयारी कर रही हैं। संस्था का एसडी महिला महाविद्यालय से समझौता है, जिसके अंतर्गत कालेज की छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी संस्था निस्वार्थ करवा रही है। यह दोनों संस्थान मिलकर साहित्यिक कार्यक्रमों का संयुक्त आयोजन कर क्षेत्र में साहित्य के प्रचार में भी जुटी हुई है।
दो लाख की छात्रवृत्ति मेधावी विद्यार्थियों को की जाती है
मानव मित्र मंडल द्वारा लगभग दो लाख रुपये की छात्रवृति मेधावी विद्यार्थियों को वितरित की जाती है तथा सरकारी व गैर सरकारी छात्रवृत्तियों के लिए विद्यार्थियों का आवेदन करवाया जाता है। संस्था के माध्यम से लगभग 75 लाख रुपये की छात्रवृत्ति हर वर्ष क्षेत्र के बच्चों को प्राप्त होता है। संस्था सचिव नरेश वत्स के अनुसार संगठन दो बातों पर जोर देता है अर्थ की शुचिता व पारदर्शिता।
कार्यकलापों के लिए धन का वहन सदस्य स्वयं करते है या क्षेत्र के सहयोगी स्वेच्छा से देते है। मंडल में न तो चंदा काटने की परंपरा है, न ही कार्यक्रमों में मुख्यातिथि या मुख्य अध्यक्ष बनाने की। संस्था फूलमालाओं, स्मृति चिह्नों से भी परहेज रखती है, ताकि धन का दुरुपयोग नहीं हो। कार्यक्रमों में कुर्सियां व अन्य सामान भी स्कूलों से मांग कर काम चलाया जाता है।
संस्था अपने आप में एक मिसाल
इसके साथ संस्था द्वारा रक्तदान कैंप, राज्य व राष्ट्रीय स्तर के स्कूली खेलों मे प्रशासन का सहयोग, सामाजिक, धार्मिक आयोजनों में जूते चप्पल संभालने की सेवा के कार्य उल्लेखनीय है। संस्था के सदस्य प्रशासन व शिक्षा विभाग द्वारा अनेक बार सम्मानित हो चुके हैं। यह संगठन विचारोत्तेजक पत्रिका का प्रकाशन भी समय-समय पर करवाता है। इसमें सेवारत अध्यापक अपने-अपने विद्यालयों में सेवा देने के पश्चात भी शैक्षणिक व सामाजिक क्षेत्र में योगदान देते हैं।
औपचारिकता के लिए इस संस्था में प्रधान अनिल गर्ग, सचिव नरेश वत्स, कोषाध्यक्ष कर्मचंद मित्तल, संरक्षक दिनेश गोयल, प्रवक्ता रोहताश शर्मा सहित सदस्य महावीर गुप्ता, गुरप्रीत दुआ, संजय भारद्वाज, दलबीर चौपडा, सुशील पांचाल, सुनील गोयल, अतुल वर्मा, संदीप सिंगला, अमित सिंगला सेवाएं दे रहे हैं। वरना तो, कार्यक्षेत्र में छोटे व बड़े पद शब्द के लिए मानव मित्र मंडल में कोई स्थान नहीं है।