Haryana Immigrants Jind : अमेरिकी सरकार द्वारा दूसरे देशों से अवैध रूप से गए लोगों को वापस उनके देश भेजा जा रहा है। इनमें जींद जिला के भी चार युवकों को वापस भेजा गया है। इनमें जींद से रवि, चुहड़पुर गांव से अजय, खरकभूरा गांव से रोहित शर्मा और संडील से मनदीप शामिल हैं। हालांकि अधिकतर युवाओं के स्वजन बातचीत करने से बच रहे हैं। ज्यादातर युवा दो से तीन माह पहले ही अमेरिका गए थे।
चुहड़पुर गांव का 21 वर्षीय अजय 12वीं पास है। अच्छी कमाई व बेहतर जीवन के लिए वह डोंकी के रास्ते अमेरिका गया था। परिवार के लोगों ने रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों से जुगाड़ कर 40 लाख रुपये में अजय को अमेरिका भेजा लेकिन कैंप तक पहुंचने से पहले ही अजय को डिपोर्ट कर दिया गया। अजय के पिता खुशीराम जींद में बैट्री का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि दो माह तक अजय बीच रास्ते में रहा।
एक माह पहले ही मैक्सिको की दीवार को फांद कर अजय अमेरिका की तरफ कूदा था। इसके बाद वहां की पुलिस की हिरासत में रहा। आगामी कुछ दिनों में अजय कैंप में जाने वाला था, लेकिन तभी फरमान आया कि अजय समेत 104 प्रवासियों को वापस डिपोर्ट किया जा रहा है। खुशीराम ने बताया कि एक महीने से उनकी अजय से कोई बातचीत नहीं हुई है। उन्हें खुशी है बेटा सही सलामत वापस आ रहा है।
उन्होंने बताया कि अजय ने 12वीं करने के बाद विदेश जाने का मन बना लिया था। खुशीराम के अनुसार उसके दो बेटे हैं, बड़ा बेटा अभी भी पढ़ाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि बेशक पैसे खर्च हुए हैं, लेकिन अब बेटा सही प्रकार से वापस लौट रहा है।
खरकभूरा गांव निवासी रोहित शर्मा का परिवार उचाना के रजवाहा रोड पर रहता है। रोहित के पिता सुरेश सेवानिवृत फौजी हैं और बिजली निगम में कार्यरत हैं। हालांकि स्वजन इस बारे में अधिक बातचीत नहीं कर रहे हैं। रोहित का एक बड़ा भाई फौजी है व एक बड़ी बहन है। दोनों शादीशुदा हैं। रोहित के पिता ने बताया कि वह पढ़ाई के लिए एक साल पहले लंदन गया था। करीब एक महीना पहले ही लंदन से अमेरिका गया। अब सूचना मिली है कि वह वापस आ रहा है। अभी तक बेटे से बातचीत नहीं हुई है।
संडील गांव निवासी मनदीप के चाचा आजाद ने बताया कि वे दो भाई हैं। हालांकि यह सूचना आने के बाद स्वजन किसी से भी बात नहीं कर रहे हैं। आजाद ने बताया कि मनदीप करीब डेढ महीना पहले ही अमेरिका के लिए गया था। पहले एजेंट को 15 लाख रुपये दिए और बाद में करीब 45 लाख रुपये खर्च किए। मनदीप ने इसके लिए करीब सवा एकड़ जमीन बेची है। हालांकि उसका दूसरा भाई संदीप गांव में ही खेती करता है।