Jind Chairman person : जींद जिला परिषद प्रधान मनीषा रंधावा को पद से हटाने के लिए तीसरी बार 11 फरवरी को बैठक होगी। इससे पहले दो बार बैठक की तारीख रखी जा चुकी है लेकिन उसी दिन डीसी के छुट्टी पर चले जाने के कारण बैठक रद हो रही थी। इस बार बैठक के सिरे चढ़ने का अनुमान है, क्योंकि विरोधी पार्षद अब डिप्टी स्पीकर व भाजपा विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा तथा भाजपा जिला अध्यक्ष तेजेंद्र ढुल से मिल रहे हैं। बंद कमरों में बैठकें की जा रही हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार बैठक होगी और वोटिंग भी होगी, इससे प्रधान की कुर्सी पर खतरा मंडरा गया है।
शुक्रवार को जिप प्रधान के विरोधी खेमे वाले पार्षद पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में बैठक करने पहुंचे थे। यहीं पर दूसरे कमरे में भाजपा जिला अध्यक्ष तेजेंद्र ढुल और डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिढ़ा भी बैठे हुए थे। सूत्रों के अनुसार सभी विरोध खेमे के पार्षदों ने बंद कमरे में ही डिप्टी स्पीकर व भाजपा जिला अध्यक्ष के साथ काफी देर तक बातचीत की। बैठक में क्या चर्चा हुई, इसको लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष और जिला पार्षदों ने कुछ कहने से इंकार कर दिया लेकिन इस बार विरोधी खेमे के पार्षद उत्साहित नजर आ रहे हैं और 11 की बैठक को लेकर जोड़ तोड़ किया जा रहा है।
13 दिसंबर और 22 जनवरी को बुलाई बैठक हो चुकी रद
जिला परिषद के वाइस चेयरमैन सतीश हथवाला सहित 18 पार्षदों ने दो दिसंबर को चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर शपथ पत्र सौंपे थे। 13 दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए बैठक बुलाई गई थी। लेकिन उस दिन डीसी मोहम्मद इमरान रजा के अवकाश पर जाने की वजह से बैठक स्थगित हो गई। दोबारा 22 जनवरी को बैठक बुलाई गई थी, लेकिन उस दिन भी डीसी के बाहर होने की वजह से बैठक स्थगित हो गई।
हालांकि ये चर्चा रही थी कि विरोधी खेमा चेयरपर्सन को कुर्सी से हटाने के लिए जरूरी बहुमत नहीं जुटा पाया, जिसके कारण दो बार बैठक स्थगित हुई। अब 11 फरवरी को होने वाली बैठक से पहले विरोधी खेमा जरूरी बहुमत जुटाने के लिए सक्रिय हो गया है। वाइस चेयरमैन सतीश हथवाला दावा कर रहे हैं कि उनके पास जरूरी बहुमत है। जिससे वे 11 फरवरी को होने वाली बैठक में चेयरपर्सन मनीषा रंधावा को कुर्सी से हटा देंगे।
जेजेपी के समर्थन से चेयरपर्सन बनी थी, बाद में कांग्रेस में शामिल हुई
मनीषा रंधावा जेजेपी के समर्थन से साल 2022 में जिला परिषद चेयरपर्सन बनी थी। उन्होंने भाजपा चेयरपर्सन प्रत्याशी कविता को एक वोट से हराया था। मनीषा के पति कुलदीप रंधावा पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के करीबी थे लेकिन पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे। दो दिसंबर को जब 18 जिला पार्षदों ने चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए डीसी को शपथ पत्र सौंपे, तो उसके बाद कुलदीप रंधावा और मनीषा रंधावा ने भाजपा की आनलाइन सदस्यता ले ली।
मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलते हुए की उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर फोटो भी अपलोड की थी। लेकिन भाजपा जिलाध्यक्ष तेजेंद्र ढुल ने कहा था कि कुलदीप रंधावा और मनीषा रंधावा भाजपा में शामिल नहीं हुए हैं। जिला पार्षदों के साथ बैठक को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष से बात की गई, तो उन्होंने इस बारे में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि भाजपा सरकार का उद्देश्य पूरे जिले का विकास है। रूटिन में लोगों से मिलना होता है।