America illegal migrant Jind Ravi Deport : अमेरिका में डॉलर कमाने, अपने परिवार की गरीबी दूर करने की चाह मन में पालकर जींद शहर का रवि भी अमेरिका गया था। जींद से अमेरिका पहुंचने में रवि को 220 दिन लग गए और इस दौरान वह 10 से ज्यादा देशों में फंसा रहा। पनामा के जंगलों में कई माह बिताए और 20 दिन पहले ही दीवार कूदकर अमेरिका पहुंचा था लेकिन रविवार सुबह रवि वापस डिपोर्ट होकर इंडिया आ गया।
जींद के सोमनाथ मंदिर के पास गली नंबर दो निवासी रवि 10 जुलाई 2024 को अमेरिका जाने के लिए घर से निकला था।
रवि के भाई अमन ने बताया कि 29 लाख रुपए में एजेंट ने अमेरिका भेजने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि पहले उसे दुबई भेजेंगे, वहां से सीधे लीगल तरीके से अमेरिका भेज देंगे। उसके भाई को पहले दुबई भेजा गया। वहां कई माह तक रखा, इसके बाद पनामा के जंगलों से डोंकी के जरिए अमेरिका के लिए ले गए। जंगलों में जाकर एजेंट ने छह लाख रुपए की और मांग की। उसके भाई रवि को कई दिनों तक खाना नहीं दिया गया।
पांच से छह महीने जंगल में ही काटे। इस दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना रवि को करना पड़ा। एजेंट द्वारा छह लाख रुपए की और डिमांड की गई तो उसके पिता ने प्लाट बेचकर और लोन लेकर रुपए जुटाए और एजेंट को दिए। इसके बाद 20 दिन पहले ही रवि दीवार कूदकर अमेरिका पहुंचा था, तभी वापस डिपोर्ट कर दिया गया। रवि को अमेरिका तक कई देशों से होते हुए 9 माह में पहुंचाया गया लेकिन अमेरिका से मात्र 20 दिन में ही वापस डिपोर्ट कर दिया गया। एजेंटों ने 35 लाख रुपए हड़प लिए।
अमन ने बताया कि 26 वर्षीय रवि ने बीए की पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया था। अमन का कहना है कि एजेंटों ने एंक नंबर से लीगल तरीके से अमेरिका पहुंचाने की बात कही थी लेकिन उसके साथ धोखाधड़ी की गई। परिजनों के अनुसार दीपक मलिक, रजत मोर, मनीष पंडित ने अमेरिका भेजा था। जींद से दो और युवक कल तक वापस आएंगे, जिनमें सफीदों के मुआना का निशांत और ढांडा खेड़ी का शुभम शामिल हैं।