Delhi CM Rekha Gupta Story : दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का हरियाणा से पुराना नाता जुड़ा हुआ है। ये नाता है उनकी जन्मभूमि हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव से है। बरहाल् दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता 51वां जन्मदिन पैतृक गांव नंदगढ़ में मनाने पहुंची, जिससे रेखा गुप्ता से जुड़ी जीवन की कई कहानियों की सुर्खियां मीडिया के लेखों में छपने लगी है।
दिलचस्प ये है कि, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी उनके साथ गांव पहुंचे। गांव में दो-दो मुख्यमंत्री आने पर गांव-वासियों का खुशी का ठिकाना ना रहा। आए जानें इस लेख के माध्यम रेखा गुप्ता की बचपन से लेकर अब तक की कहानी
48 साल बाद सीएम रेखा गुप्ता पहुंची अपने गांव
हमारे पाठकों को बता दें कि, नंदगढ़ की बेटी रेखा गुप्ता केवल दो साल की थी जब उनका परिवार दिल्ली चला गया था। दिल्ली में ही रेखा गुप्ता का परिवार के साथ पालन-पोषण और पढ़ाई पूरी हुई है। वो सन् 1992 से ही कॉलेज के टाईम एबीवीपी से जुड़ी और वहीं से उनका राजनीतिज्ञ सफर के शुरुआत हुई।
मगर अब वो 48 साल बाद अब पैतृक गांव पहुंची। वह यहां अपने गांव का लाड़-दुलार और स्वागत देखकर भावुक हो गई। ग्रामीणों ने गांव की सीएम बेटी को सावन का कोथली दी। साथ ही बुजुर्ग ग्रामीणों ने भी सूट व रुपये देकर मान-सम्मान किया। वहीं सीएम रेखा गुप्ता ने भी गांव वासियों के साथ अपना जन्मदिन का केक काटा।

रेखा गुप्ता को मिला गांव वासियों का लाड-दुलार
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जब ज्यादा उत्साहित हो गई, तब गांव के बुजुर्गों ने अपनी बेटी को लाड-दुलार से सम्मान किया। वहीं महिलाओं ने पुस्तैनी घर में उन्हें झूला झुलाया। गांव में जन्मदिन और सावन के अवसर पर शगुन के रूप में रेखा गुप्ता को उपहारों की झड़ी लग गई। इस प्यार-लाड को देखते हुए उन्होंने कहा कि, जहां आपका जन्म हुआ हो वहां चार दशक से भी ज्यादा समय बाद लौटना अपने आप में भावुक कर देने वाला पल होता है।
उन्होंने बचपन के घर में करीब एक घंटा बिताया। घर जाने को लेकर वह काफी उत्साहित दिखीं। हालांकि, यह मकान अब गांव के ही चांद दलाल ने खरीद रखा है। चांद के परिवार की महिलाओं ने उन्हें पूरा घर दिखाया। यहां उन्होंने अपनी पुरानी यादें ताजा की।
हर महिला चाहती सावन में मायके आना
सावन महीने में और जन्मदिन पर अपने गांव वालों से लाड-दुलार में मिलने पर रेखा ने भावुक होकर कहा कि कोई भी महिला चाहे व किसी भी पद पर पहुंच जाए, सावन महीने में अपने मायके जाना चाहती है। 3 माह पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी से बातचीत के दौरान जन्मदिन पर उन्होंने गांव में आने का न्योता दिया था। उन्होंने कहा कि गांव का यह स्नेहपूर्ण प्रेम वह कभी नहीं भूलेंगी।