Roadways smoking case : बस में धूम्रपान के मामले में हरियाणा रोडवेज के चालक और परिचालक पर भारी जुर्माना, उपभोक्ता आयोग ने किया आदेश
हरियाणा रोडवेज की बसों में धूम्रपान की समस्या पर आखिरकार सख्त कार्रवाई की गई है। राज्य उपभोक्ता आयोग ने एक मामले में बस चालक और परिचालक को 5,000 रुपये का हर्जाना भरने का आदेश दिया है। यह निर्णय तब लिया गया जब एक यात्री ने बस में धूम्रपान की शिकायत की थी और उसकी सुनवाई के लिए आयोग का दरवाजा खटखटाया।
Roadways smoking matter : मामले की पृष्ठभूमि :
हिसार निवासी अशोक कुमार प्रजापति ने 7 जून 2019 को हरियाणा रोडवेज की बस से भिवानी से महम तक यात्रा की। इस यात्रा के दौरान उन्होंने देखा कि बस का चालक धूम्रपान कर रहा था। धूम्रपान के कारण अशोक को गंभीर घुटन महसूस हुई, जिससे उनकी यात्रा असहनीय हो गई। अशोक ने चालक से अनुरोध किया कि वह धूम्रपान बंद करें, लेकिन चालक ने उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया। इस स्थिति से परेशान होकर, अशोक को बस से उतरना पड़ा और अन्य साधनों से महम पहुंचना पड़ा, जिसके लिए उन्हें 10 रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़े।
शिकायत और कानूनी प्रक्रिया :
अशोक कुमार ने इस घटना की शिकायत पहले जिला उपभोक्ता आयोग में की, लेकिन वहां उनकी शिकायत की सुनवाई नहीं हुई। इससे निराश होकर, अशोक ने राज्य उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया। राज्य उपभोक्ता आयोग ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए सुनवाई की और दोषियों पर कार्रवाई की। आयोग ने बस चालक और परिचालक पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा, बसों में धूम्रपान की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश भी दिया।
State Consumer Commission order : राज्य उपभोक्ता आयोग का आदेश
राज्य उपभोक्ता आयोग ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले में बस चालक और परिचालक की गलती साबित हुई है। उन्होंने यात्री की शिकायत पर गंभीरता से ध्यान दिया और सुनिश्चित किया कि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो। आयोग ने संबंधित विभाग को भी निर्देशित किया कि वे बसों में धूम्रपान पर सख्त निगरानी रखें और इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।
बस में धूम्रपान को लेकर लोकप्रिय राय और सुझाव
इस निर्णय के बाद, कुछ लोगों ने सुझाव दिया है कि राज्य सरकार को हरियाणा में एक विशेष कानून लागू करना चाहिए जो सार्वजनिक परिवहन के साधनों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए। ऐसा कानून यात्री की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने में मदद करेगा और सार्वजनिक परिवहन के अनुभव को बेहतर बनाएगा।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि धूम्रपान की समस्या केवल बसों तक सीमित नहीं है; यह ट्रेनों, टैक्सियों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी व्यापक रूप से फैली हुई है। इसीलिए, एक व्यापक और प्रभावी कानून की आवश्यकता है जो सभी सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को नियंत्रित कर सके।
smoking ban in Roadways future : भविष्य की दिशा और संभावनाएँ :
हरियाणा रोडवेज के मामले ने एक महत्वपूर्ण समस्या को उजागर किया है और इसके समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इस फैसले के बाद, उम्मीद की जा रही है कि अन्य राज्य भी इस मुद्दे पर ध्यान देंगे और सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान के खिलाफ सख्त कानून लागू करेंगे।
सरकार और संबंधित विभागों को चाहिए कि वे इस फैसले से सीख लें और सार्वजनिक परिवहन में यात्रियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता दें। इसके साथ ही, लोगों को भी सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए ताकि स्वस्थ और स्वच्छ परिवहन सुविधा सुनिश्चित की जा सके।
हरियाणा रोडवेज के इस मामले ने दिखाया है कि उपभोक्ताओं की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। यह निर्णय निश्चित रूप से अन्य सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रदाताओं के लिए एक उदाहरण पेश करता है और उम्मीद है कि यह भविष्य में बेहतर परिवहन सेवाओं के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।