VLDD Admissions rule changed : चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अंतर्गत संचालित पशु चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से एक बड़ा बदलाव किया है। अब पशु चिकित्सा पशुधन विकास डिप्लोमा VLDD Admissions में प्रवेश लेने के लिए केवल विज्ञान (भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान) की योग्यता नहीं, बल्कि किसी भी स्ट्रीम से 10+2 पास छात्र पात्र होंगे।
सरकार के इस निर्णय से न केवल विज्ञान, बल्कि कला, वाणिज्य और अन्य स्ट्रीम से जुड़े छात्रों को भी इस क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर मिलेगा। सरकार ने यह बदलाव पशु चिकित्सा डिप्लोमा को अधिक व्यापक और सुलभ बनाने के उद्देश्य से किया है।
हालांकि, इसमें एक शर्त यह भी रखी गई है कि प्रवेश परीक्षा में एक निश्चित प्रतिशत प्रश्न विज्ञान/मेडिकल स्ट्रीम से जुड़े होंगे। इसका मकसद यह है कि जो छात्र गैर-विज्ञान पृष्ठभूमि से आएंगे, उन्हें भी आवश्यक विज्ञान संबंधी ज्ञान दिया जा सके।
VLDD Admissions : ब्रिज कोर्स से मिलेगी सहायता
गैर-विज्ञान स्ट्रीम से डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले छात्रों को किसी भी प्रकार की कठिनाई से बचाने के लिए संस्थानों को उपयुक्त “ब्रिज कोर्स” भी शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इस कोर्स के माध्यम से छात्र अपनी आवश्यक वैज्ञानिक समझ को बेहतर कर सकेंगे, जो इस क्षेत्र में उनके करियर के लिए आवश्यक है।
हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, डॉ. राजा शेखर वुंडरू द्वारा जारी आदेश में इस बदलाव को स्पष्ट किया गया है। आदेश के अनुसार, यह नई प्रवेश प्रक्रिया शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू होगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ेगा रोजगार : VLDD Admission
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से पशुधन विकास के क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा होगा, जिससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। विशेष रूप से वे छात्र, जो कृषि या ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है।
इस बदलाव से न केवल छात्रों के लिए नए अवसर खुलेंगे, बल्कि हरियाणा राज्य में पशुपालन और डेयरी के क्षेत्र में नए और प्रशिक्षित विशेषज्ञ भी तैयार होंगे।
![VLDD Admissions: Government changed the rules in Veterinary Diploma in Haryana, removed the qualification of science in 12th](https://newskunj.com/wp-content/uploads/2024/08/IMG-20240821-WA0084.jpg)
सरकार द्वारा यह आदेश संबंधित अधिकारियों और विश्वविद्यालयों को जारी कर दिया गया है। अब देखना होगा कि इस बदलाव के बाद छात्रों और संस्थानों पर इसका कितना सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।